
देहरादून, 06 अक्टूबर 2025: जिला प्रशासन की पहल से राइफल क्लब फंड अब जरूरतमंदों के जीवन में आशा की नई किरण बन रहा है। पहली बार इस फंड का उपयोग निर्धन, असहाय और अक्षम लोगों की सहायता के लिए किया गया है। सोमवार को जिलाधिकारी सविन बसंल ने 06 असहाय लाभार्थियों को 1.50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता के चेक वितरित किए। प्रत्येक को 25-25 हजार रुपये की सहायता दी गई। अब तक इस फंड से 12.55 लाख रुपये की सहायता राशि जरूरतमंदों तक पहुंचाई जा चुकी है।
डीएम ने बताया कि राइफल क्लब मूल रूप से एक लग्जरी ट्रांजेक्शन है, लेकिन अब इसका उपयोग सीएसआर गतिविधियों और सामाजिक सहायता के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह पहल समाज के कमजोर वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक छोटा लेकिन सार्थक प्रयास है।

इस दौरान उप जिलाधिकारी कुमकुम जोशी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कपिल कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
जिन लोगों को मिली सहायता
गुलरघाटी के 75 वर्षीय शमशेर सिंह: जीर्ण-शीर्ण मकान की मरम्मत के लिए सहायता प्राप्त की।
चंद्रबनी निवासी प्रियंका कुकरेती: पिता के निधन और दो दिव्यांग भाइयों की देखभाल के बीच आर्थिक संकट से जूझ रही थीं। जिला प्रशासन ने न केवल आर्थिक सहायता दी बल्कि उनकी मास्टर्स की पढ़ाई का खर्च भी वहन करेगा।
बनियावाला की आनंदी देवी: पति के गुमशुदा होने और आय के अभाव में सहायता प्रदान की गई।
शिव एन्क्लेव निवासी सूरज: हाई-वोल्टेज करंट लगने से दोनों पैर घुटनों के नीचे काटने पड़े। अब वह इस सहायता से अपना रोजगार शुरू कर सकेंगे।

सहस्त्रधारा निवासी मनीष: दुर्घटना में एक आंख की रोशनी खो चुके मनीष को कृत्रिम आंख लगवाने के लिए सहायता मिली।
रायपुर रोड की किरण धीमान: किडनी रोग से पीड़ित हैं और पति मानसिक रूप से बीमार हैं। प्रशासन ने उपचार और आजीविका के लिए आर्थिक मदद दी।
सहायता मिलने के बाद लाभार्थियों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई। बुजुर्ग शमशेर सिंह ने जब अधिकारियों से पूछा कि “क्या यह पैसा लौटाना है?”, तो डीएम ने कहा— “यह प्रशासन की ओर से आपकी छोटी सी मदद है, इसे रोजगार शुरू करने में लगाएं ताकि घर की आर्थिकी सुधरे।”
डीएम ने कहा कि प्रशासन का लक्ष्य है कि गरीब, असहाय और अक्षम लोगों को सरकारी योजनाओं और उपलब्ध स्रोतों से अधिकतम लाभ मिले। मुख्यमंत्री के निर्देश पर वंचित वर्ग के लोगों को चिन्हित कर निरंतर सहायता दी जा रही है।
1959 से संचालित राइफल क्लब फंड में नए शस्त्र लाइसेंस, नवीनीकरण, सीमा विस्तार, एनओसी, विक्रय अनुमति आदि से प्राप्त धन का उपयोग अब सामाजिक कल्याण के लिए किया जा रहा है।