Rishikesh News :पांच दिन के मृत नवजात को कर दिया दान
ऋषिकेश
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के अदनी रौंतल गांव के रहने वाले मनोज लाल और उनकी पत्नी विनीता देवी ने समाज के लिए एक मिसाल कायम की है. उनका पांच दिन का नवजात पुत्र, जिसे जन्म के बाद गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं थीं, इलाज के दौरान एम्स ऋषिकेश में हृदय गति रुकने से चल बसा. इस दुखद घटना के बावजूद उन्होंने अपने पुत्र का शव मेडिकल रिसर्च के लिए दान कर दिया. यह निर्णय न केवल सराहनीय है बल्कि समाज को प्रेरित भी करता है.
मिली जानकारी के अनुसार, 6 जनवरी ने विनीता देवी ने एक बेटे को जन्म दिया. जन्म के तुरंत बाद ही बच्चे को सांस लेने में परेशानी हो रही थी. अगले दिन बच्चे को बेहतर इलाज के लिए ऋषिकेश स्थित एम्स में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों की जांच में पाया गया कि नवजात की सांस और खाने की नली आपस में चिपकी हुई थी. यह स्थिति बेहद गंभीर थी और ऑपरेशन करना जरूरी था. डॉक्टरों की टीम ने पूरी कोशिश की लेकिन ऑपरेशन के बाद नवजात की हृदय गति रुक गई, जिससे उसकी मौत हो गई. इस मुश्किल समय में बच्चे के अंतिम संस्कार को लेकर मनोज लाल ने मुक्तिधाम समिति के सेवादार अनिल कक्कड़ से संपर्क किया. अनिल ने कहा कि नवजात शिशुओं का पारंपरिक तरीके से अंतिम संस्कार नहीं किया जाता. उन्हें आमतौर पर गंगा में प्रवाहित किया जाता है या जमीन में दफनाया जाता है. जिसके बाद मनोज लाल ने कुछ और विकल्पों के बारे में पूछा, तो अनिल कक्कड़ ने समाज हित में बच्चे का शव मेडिकल रिसर्च के लिए दान करने का सुझाव दिया.