सामाजिक

चांदी हुई चार महीने में 17 हजार रुपए महंगी, जीएसटी सहित 92 हजार रुपये किलो

चांदी अपने अधिकतम भाव में पहुंच गई है। बाजार में जीएसटी के साथ चांदी का मूल्य करीब 92 हजार रुपये किलो पहुंच गया

चांदी ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए कीमतों की नई परिभाषा गढ़ दी। शुक्रवार को एमसीएक्स पर चांदी 89,680 रुपये किलो तक पहुंच गई। वहीं, बाजार में जीएसटी के साथ मूल्य करीब 92 हजार रुपये किलो पहुंच गया। ऐतिहासिक ऊंचाई से एक तरफ बाजार से ग्राहक गायब हो गए तो दूसरी तरफ वायदा बाजार में निवेशक टूट पड़े। महंगाई की वजह चीन द्वारा अंधाधुंध खरीदारी, सट्टेबाजी और अंतरराष्ट्रीय हालात बताए जा रहे हैं। चांदी ने एमसीएक्स के साथ-साथ बाजार में निवेशकों को जमकर मुनाफा दिया। जनवरी में वायदा बाजार में चांदी का न्यूनतम भाव 72,973 रुपये किलो था, जो मई के मध्य में 90 हजार रुपये के करीब पहुंच गया। यानी सिर्फ पांच माह में लगभग 22 फीसदी का रिटर्न दे दिया। वहीं, मई के पहले हफ्ते में एमसीएक्स पर चांदी का भाव 80,275 रुपये किलो था।

माह                     अधिकतम                      न्यूनतम

अप्रैल                   87,580                       76,544

मार्च                    79,751                         72,418

फरवरी                74,778                          71,826

जनवरी               76,962                           72,973

दिसंबर               78,050                           73,846

चीन की अंधाधुंध खरीद और सट्टेबाजी का असर

चांदी का इस्तेमाल औद्योगिक सेक्टर में काफी बढ़ गया है। पिछले चार साल में इलेक्ट्रिकल व इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों में चांदी की खपत करीब दोगुना हो गई है। इन दोनों सेक्टर में चीन बड़ा खिलाड़ी है। चीन का बड़ा उत्पादक होने के साथ ही खपत में भी नंबर वन है। यही वजह है कि चीन चांदी की अंधाधुंध खरीद कर रहा है। रही सही कसर सट्टेबाजी ने पूरी कर दी है। ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने बताया कि सोने से ज्यादा तेजी चांदी में है। यही रफ्तार रही तो जल्द चांदी एक लाख रुपये किलो पार कर सकती है। महंगाई के कारण बाजार में ग्राहक गायब है। सलाह दी कि ज्वैलर्स कमाई के लालच में सोना-चांदी बेच कर न चलें। चांदी के बजाय सोने में निवेश का उपयुक्त समय है। रुद्रा स्टाक्स एंड ब्रोकर्स लि. के वाइस प्रेसीडेंट विनोद खन्ना ने कहा कि दिवाली पर 70 हजार रुपये किलो थी, जो आज 90 हजार पर पहुंच गई है। कीमतों में सट्टेबाजी का भी असर है।

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