
देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण करने जा रहा है। इस उपलक्ष्य में 1 नवंबर से 9 नवंबर तक प्रदेशभर में रजत जयंती समारोह का भव्य आयोजन किया जाएगा। प्रत्येक दिन अलग-अलग विषयों पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम और पैनल चर्चाएं आयोजित होंगी।
संस्कृति सचिव युगल किशोर पंत ने प्रेस वार्ता में बताया कि समारोह की शुरुआत 1 नवंबर से होगी।
पहले दिन प्रातः 11 से 2 बजे तक लोक नृत्य, भातखंडे हिन्दुस्तानी संगीत महाविद्यालय पौड़ी के छात्रों की प्रस्तुति और शाम 6 से 9 बजे तक रामेश्वरी भट्ट का जागर गायन, नागालैंड की प्रस्तुति ‘यूलिखेरी’ और सुरेश बाडेकर का कार्यक्रम आयोजित होगा।
2 नवंबर को हिमाचल के दलों द्वारा नाटी नृत्य, नृत्यांगन संस्था की गंगा अवतरण प्रस्तुति, ‘उत्तराखंड में सिनेमा’ विषय पर पैनल डिस्कशन और शाम को कमला देवी, विपुल राय (‘सिम्फनी ऑफ हिमालयाज’) तथा नरेंद्र सिंह नेगी की प्रस्तुतियां होंगी।
3 नवंबर को जनजातीय लोक नृत्य, तिब्बतियन इंस्टिट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट धर्मशाला व हिमाचल के सांस्कृतिक दलों की प्रस्तुति, ‘उत्तराखंड की लोकभाषा एवं संस्कृति’ पर पैनल चर्चा, साथ ही रित्विज पंत का शास्त्रीय गायन, चित्रांक पंत की तबला संगत और पं. विश्व मोहन भट्ट का मोहन वीणा वादन शामिल रहेगा।
4 नवंबर को असम और हिमाचल के लोक नृत्य, ‘हिमालय में रंगमंच’ विषय पर पैनल डिस्कशन, योगेश खेतवाल का शास्त्रीय गायन, रोनू मजूमदार और मैसूर मंजूनाथ की बांसुरी-वायलिन जुगलबंदी तथा हरीश गंगानी और नायनिका खंडूरी की कथक प्रस्तुति होगी।
5 नवंबर को पौराणिक लोक वाद्य प्रदर्शन, तिब्बती लोक नृत्य, मणिपुरी बसंत रासलीला, एनएसडी के एहसान बक्श का नाट्य मंचन, राहुल शर्मा का संतूर वादन और मालिनी अवस्थी का लोक संगीत कार्यक्रम शामिल रहेगा।
6 नवंबर को जनजातीय नृत्य, गंधर्व महाविद्यालय और सुभारती इंस्टीट्यूट की प्रस्तुतियां, ‘नंदा राजजात’ विषय पर चर्चा, मोहन रावत का संतूर वादन, लैंडेड रिदमस्थान बैंड और प्रीतम भरतवाण की प्रस्तुति होगी।
7 नवंबर को उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के लोक नृत्य, ‘हिमालय में खानपान, विरासत और उत्तराधिकार’ विषय पर चर्चा, सोनल मानसिंह की नृत्य नाटिका और पांडवाज बैंड का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
8 नवंबर को उत्तराखंड, अल्मोड़ा और जम्मू-कश्मीर के लोक नृत्य, भातखंडे संगीत महाविद्यालय देहरादून की प्रस्तुति, ‘संगीत द्वारा रोगोपचार’ पर डॉ. विजय भट्ट का व्याख्यान, एमकेपी कॉलेज की सांस्कृतिक प्रस्तुति, रितेश-रजनीश मिश्रा का शास्त्रीय गायन और कवि सम्मेलन आयोजित होगा, जिसमें डॉ. हरिओम पंवार, विष्णु सक्सेना, शंभू शिखर, तेज नारायण बेचैन और श्वेता सिंह शामिल होंगे।
9 नवंबर, राज्य स्थापना दिवस पर, उत्तराखंड की लोक संस्कृति, सुनहरे घुंघरू डांस स्कूल और अर्धांग इंस्टीट्यूट की प्रस्तुतियां, विभिन्न जनजातियों (गढ़वाली, कुमांऊनी, जौनसारी, थारू) के नृत्य और ‘मिस्टी टेरिस’ नामक भूटान बैंड की प्रस्तुति से समारोह का समापन होगा।