उत्तराखंडदेहरादून

नाबालिग वाहन चालकों पर परिवहन विभाग की सख्त कार्रवाई, अभिभावकों को किया जा रहा चेतावनी

देहरादून: नाबालिग बच्चों—विशेषकर स्कूली छात्र-छात्राओं—द्वारा दुपहिया वाहन चलाने की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए परिवहन विभाग ने शहर के विभिन्न स्कूलों के आसपास व्यापक चेकिंग अभियान शुरू किया है।

मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 199A के तहत नाबालिग को वाहन चलाने देना दंडनीय अपराध है। नियमों के अनुसार अभिभावकों/संरक्षकों या वाहन स्वामी पर निम्न कार्रवाई की जा सकती है—

3 वर्ष तक कारावास

₹25,000 जुर्माना

नाबालिग को 25 वर्ष की आयु तक लाइसेंस के लिए अयोग्य

प्रयुक्त वाहन का 12 माह के लिए पंजीयन निरस्त

परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीमों ने लगातार चल रहे अभियान में अब तक 65 दुपहिया वाहनों के चालान किए हैं। जाँच में 14 नाबालिग वाहन चालक पकड़े गए, जिनके वाहनों को सीज कर मामलों को न्यायालय भेजा गया है। सभी नाबालिगों के अभिभावकों को कार्यालय बुलाकर काउंसलिंग की गई।

डॉ. अनीता चमोला, संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन एवं सड़क सुरक्षा), देहरादून ने बताया कि 06 दिसंबर 2025 को सहस्रधारा मार्ग पर कृशाली चौक के पास 14 वर्षीय छात्र को दुपहिया चलाते पकड़ा गया, जिसके वाहन को बंद किया गया। अभिभावक के अनुसार बच्चा वाहन किसी रिश्तेदार से लेकर आया था, जिसे विभाग ने गंभीर लापरवाही माना है।

इसी स्थान पर इंटरसेप्टर टीम की परिवहन कर अधिकारी श्वेता रौथाण ने भी दुपहिया वाहन में सवार दो छात्राओं को रोका। जाँच में उनके भी नाबालिग होने की पुष्टि के बाद वाहन सीज किया गया और अभिभावकों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया।

परिवहन विभाग ने सभी अभिभावकों से अपील की है कि वे नाबालिग बच्चों को किसी भी परिस्थिति में वाहन न दें। विभाग ने चेतावनी दी है कि आगे अभियान और सख्ती से चलाया जाएगा तथा नियम तोड़ने पर अभिभावकों पर भी कड़ी कार्रवाई होगी।

साथ ही स्कूल प्रबंधन से भी अनुरोध किया गया है कि वे छात्रों और अभिभावकों को जागरूक करने के लिए वर्कशॉप आयोजित करें। परिवहन विभाग स्वयं भी स्कूलों में जागरूकता अभियान चलाएगा।

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