
देहरादून | 23 दिसंबर 2025: मसूरी–देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने प्राधिकरण क्षेत्र में अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए शिमला बाई क्षेत्र में सीलिंग अभियान चलाया। यह कार्रवाई नियमों के विरुद्ध किए जा रहे अवैध व्यवसायिक निर्माणों पर की गई।
कार्रवाई के तहत मुकेश द्वारा शिमला बाई-पास रोड, एसआर पेट्रोल पंप के निकट, नया गांव देहरादून में किए गए अवैध व्यवसायिक निर्माण को सील किया गया। जांच में पाया गया कि यह निर्माण बिना मानचित्र स्वीकृति और प्राधिकरण के नियमों का उल्लंघन करते हुए किया जा रहा था। इसके अलावा संग्राम सिंह द्वारा रतनपुर, शिमला बाई-पास रोड देहरादून में किए गए अवैध व्यवसायिक निर्माण पर भी सीलिंग की कार्रवाई की गई।

एमडीडीए ने स्पष्ट किया कि अवैध निर्माण शहर की नियोजन व्यवस्था को प्रभावित करने के साथ-साथ यातायात, पर्यावरण और जनसुविधाओं पर भी प्रतिकूल असर डालते हैं। इसी कारण प्राधिकरण द्वारा ऐसे निर्माणों के विरुद्ध लगातार निरीक्षण और कार्रवाई की जा रही है। भविष्य में भी नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
यह कार्रवाई संयुक्त सचिव एमडीडीए गौरव चटवाल के निर्देशों के अनुपालन में की गई। अभियान सहायक अभियंता शशांक सक्सेना, अवर अभियंता ललित नेगी, सुपरवाइजर और पुलिस बल की उपस्थिति में शांतिपूर्ण एवं नियमानुसार संपन्न हुआ। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात रहा।

उपाध्यक्ष एमडीडीए का बयान
एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा कि प्राधिकरण क्षेत्र में अवैध निर्माणों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई गई है। बिना स्वीकृति किए जा रहे व्यवसायिक और आवासीय निर्माण शहर की नियोजित विकास व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती हैं। उन्होंने कहा कि जहां भी नियमों का उल्लंघन पाया जाएगा, वहां सीलिंग और ध्वस्तीकरण जैसी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आम जनता से अपील की गई है कि निर्माण से पूर्व प्राधिकरण से आवश्यक स्वीकृति अवश्य प्राप्त करें।
सचिव एमडीडीए का बयान
एमडीडीए सचिव मोहन सिंह बर्निया ने कहा कि प्राधिकरण क्षेत्र में सभी निर्माण कार्य स्वीकृत मानचित्र और निर्धारित नियमों के अनुरूप ही किए जाएं। अवैध निर्माणों पर कार्रवाई नियमित रूप से जारी रहेगी और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ किसी भी प्रकार की ढील नहीं दी जाएगी। नागरिकों से अपील की गई है कि वे शहर के सुनियोजित विकास में सहयोग करें और निर्माण से पहले प्राधिकरण की अनुमति अवश्य लें।