उत्तराखंडदेहरादून

स्वदेशी महोत्सव का भव्य समापन, आखिरी दिन रिकॉर्ड बिक्री से ‘वोकल फॉर लोकल’ को मिला नया उत्साह

संस्कृति, कारोबार और आत्मनिर्भरता का संगम बना सात दिवसीय स्वदेशी महोत्सव

नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान और हर घर स्वदेशी–घर घर स्वदेशी के संकल्प को सशक्त रूप देते हुए, स्मृति विकास संस्थान द्वारा देहरादून के परेड ग्राउंड में 8 दिसंबर से आयोजित सात दिवसीय स्वदेशी महोत्सव एवं उत्तराखंड विकास प्रदर्शनी का 14 दिसंबर को भव्य समापन हुआ। समापन दिवस पर पहाड़ी उत्पादों, हस्तशिल्प, सूट–साड़ी और दैनिक उपयोग की स्वदेशी वस्तुओं की बम्पर बिक्री ने यह स्पष्ट कर दिया कि आमजन अब स्वदेशी को केवल विकल्प नहीं, बल्कि प्राथमिकता के रूप में अपना रहा है।

पूरे आयोजन के दौरान स्वदेशी महोत्सव की टीम ने अनुशासन, समन्वय और समर्पण के साथ कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न कराया। यह महोत्सव केवल एक व्यापारिक आयोजन नहीं रहा, बल्कि स्थानीय उद्यमिता, संस्कृति और आत्मनिर्भरता के विचार का सशक्त मंच बनकर उभरा, जहाँ परंपरा और प्रगति का सुंदर संगम देखने को मिला। कार्यक्रम में नन्हे से लेकर बड़े कलाकरों को मंच पर सम्मानित व प्रोत्साहित किया गया। जिसमें विभिन्न स्कूलों से लेकर कॉलेजों के छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया।

सांस्कृतिक संध्याओं ने रचा लोकसंस्कृति का उत्सव
महोत्सव के प्रत्येक दिन आयोजित सांस्कृतिक संध्याओं ने दर्शकों का मन मोह लिया। विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं, युवा कलाकारों और नन्हे बाल कलाकारों ने लोकनृत्य, लोकगीत और राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत प्रस्तुतियों के माध्यम से उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत कर दिया। समापन समारोह में सभी कलाकारों को मेडल, प्रमाण पत्र और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया, जिससे युवा पीढ़ी में अपनी लोककला और संस्कृति के प्रति गर्व और जुड़ाव और मजबूत हुआ।

सरकारी विभागों के स्टॉल के साथ-साथ छोटे उद्यमियों, कारीगरों, महिला स्वयं सहायता समूहों और स्टार्टअप्स के स्टॉलों ने दर्शकों को खासा आकर्षित किया। पहाड़ी, राजस्थानी, बंगाली सहित अन्य खाद्य उत्पादों से लेकर हस्तनिर्मित वस्तुएं, ऊनी कपड़े, आभूषण और वस्त्र ‘लोकल से ग्लोबल’ की अवधारणा को साकार करते नजर आए। बच्चों के झूले, मनोरंजन स्टॉल और पारिवारिक माहौल ने मेले को जन-जन से जोड़ने का कार्य किया।

गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति से बढ़ी शोभा
सात दिनों तक चले इस महोत्सव में प्रदेश के कई प्रमुख जनप्रतिनिधियों और विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति रही। महोत्सव का उद्घाटन मसूरी विधायक गणेश जोशी ने किया, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या, भाजपा राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एवं सांसद नरेश बंसल, कर्नल अजय कोठियाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने स्वदेशी अपनाने और स्थानीय उत्पादों को अपनाने व बढ़ावा देने का महोत्सव के मंच से आह्वान किया गया।

इस भव्य आयोजन की सफलता के पीछे आयोजन समिति की अथक मेहनत रही, इस कार्यक्रम के सूत्रधार सुरेंद्र सिंह ने संस्थान की टीम के साथ सुमन चौहान, प्रवीण पुरोहित, अनिल राज, आधार वर्मा, नीता कांडपाल, विवेक राणा, राहुल नंदा, मनीष सकलानी, कमलदीप मेहरा, अंजलि भट्ट, अर्चना बिष्ट, रूपा यादव और सतपाल रावत सहित पूरी टीम ने समर्पण भाव से अपनी जिम्मेदारियां निभाईं।

कार्यक्रम की स्वागत समिति में बतौर अध्यक्ष विन्डलास बायोटेक ग्रुप के चेयरमैन अशोक विन्डलास, महामंत्री सतेंद्र पुनेठा, उपाध्यक्ष अंकुर अग्रवाल और रियल एस्टेट सलाहकार सुरेश जुयाल सहित वरिष्ठ महानुभावों का विशेष योगदान रहा, जिनके मार्गदर्शन से आयोजन और अधिक गरिमामयी बन सका।

समापन के साथ ही यह महोत्सव यह संदेश दे गया कि जब सरकार, समाज और उद्यमी एक मंच पर आते हैं, तो आत्मनिर्भर भारत का सपना जमीन पर उतरता है। स्वदेशी महोत्सव उत्तराखंड की संस्कृति, उद्यमिता और नवाचार को नई पहचान देते हुए विकसित भारत के विज़न की ओर एक मजबूत कदम साबित हुआ।

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