तहव्वुर राणा की हिरासत 12 दिन और बढ़ी, NIA ने कोर्ट में पेश किया

नई दिल्ली: 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पटियाला हाउस कोर्ट में कड़ी सुरक्षा के बीच पेश किया, जहां कोर्ट ने उसकी हिरासत को 12 दिनों के लिए और बढ़ा दिया। राणा की 18 दिन की पहले की हिरासत पूरी होने पर उसे विशेष एनआईए न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह के समक्ष पेश किया गया। एनआईए की अर्जी पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।कोर्ट कार्यवाही के दौरान एनआईए का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ वकील दयान कृष्णन और विशेष सरकारी अभियोजक नरेंद्र मान ने किया, जबकि तहव्वुर राणा की ओर से दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिवक्ता पीयूष सचदेवा ने पक्ष रखा।
अमेरिका से प्रत्यर्पण कर लाया गया था राणा
मुंबई हमलों के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया। इस मिशन में एनआईए की तीन सदस्यीय टीम ने प्रमुख भूमिका निभाई, जिसमें आईपीएस अधिकारी आशीष बत्रा (झारखंड कैडर), प्रभात कुमार (छत्तीसगढ़ कैडर) और जया रॉय (झारखंड कैडर) शामिल थे। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी, जिसे फरवरी 2025 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अंतिम स्वीकृति दी थी।
26/11 हमलों में राणा की भूमिका
ज्ञात हो कि 26/11 के भयावह आतंकी हमले में 174 लोगों की जान गई थी और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे। यह हमला पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा द्वारा अंजाम दिया गया था। तहव्वुर राणा पर आरोप है कि उसने इस हमले की साजिश रचने में अहम भूमिका निभाई थी।
राणा की पृष्ठभूमि
तहव्वुर हुसैन राणा एक पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक है। वह पहले पाकिस्तान सेना में डॉक्टर के तौर पर कार्यरत था। 1990 के दशक में वह कनाडा चला गया और 2001 में कनाडाई नागरिकता प्राप्त कर ली। बाद में वह अमेरिका के शिकागो में बस गया, जहां उसने कई व्यवसाय शुरू किए, जिनमें एक इमिग्रेशन कंसल्टेंसी भी शामिल थी। राणा पर लश्कर-ए-तैयबा के साथ संबंध रखने और आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होने के गंभीर आरोप हैं।
लंबे समय से कानूनी लड़ाई
2009 में अमेरिका में उसकी गिरफ्तारी हुई थी और तब से वह प्रत्यर्पण के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहा था। अब भारत लाए जाने के बाद एनआईए उससे 2008 के हमलों की साजिश के गहन पहलुओं की जांच कर रही है।