2024 में 12% घटी प्रीमियम OTT कंटेंट की खपत, 2025 में भी कंटेंट पर लागत का संकट: EY-FICCI रिपोर्ट

ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की लोकप्रियता और दर्शकों की बदलती प्राथमिकताओं के बीच एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। ईवाई (EY) और एफआईसीसीआई (FICCI) की ताजा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2024 में प्रीमियम ओटीटी कंटेंट की खपत में 12 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। यह गिरावट ऐसे समय पर देखने को मिली है जब ओटीटी को मनोरंजन का सबसे बड़ा माध्यम माना जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस गिरावट के पीछे सबसे बड़ा कारण है स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स द्वारा अपने प्रोडक्शन बजट में की गई कटौती। मुनाफा कमाने के दबाव में प्लेटफॉर्म्स ने महंगे कंटेंट प्रोडक्शन से दूरी बनाई, जिससे नए और बड़े स्केल के शो और फिल्में कम बनीं।
2025 में भी रहेगा ओटीटी इंडस्ट्री पर दबाव
रिपोर्ट में यह भी संकेत दिया गया है कि 2025 में भी कंटेंट पर लागत का दबाव जारी रह सकता है। इसकी वजह यह है कि पे-टीवी होम्स (Pay-TV Homes) की संख्या लगातार घट रही है और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को लाभ कमाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
केवल 60 फिल्में सीधे ओटीटी पर रिलीज
2024 में केवल 60 फिल्में ही सीधे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज हुईं, जबकि 500 के करीब फिल्में थिएटर में रिलीज होने के बाद ओटीटी पर आईं। इससे साफ है कि निर्माता अब भी थिएटर रिलीज को प्राथमिकता दे रहे हैं। हालांकि, कुल मिलाकर 2024 में 1,600 से अधिक फिल्मों की रिलीज हुई, जो 2023 की तुलना में 64 फिल्मों की बढ़ोतरी है।
रीजनल कंटेंट का बढ़ता प्रभाव
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज हुए कंटेंट में 48% हिस्सा रीजनल भाषाओं का था, जिसे डब करके बड़ी संख्या में दर्शकों तक पहुंचाया गया। इससे यह साफ होता है कि स्थानीय भाषाओं में कंटेंट की मांग तेजी से बढ़ रही है।
2025 में बढ़ सकती है कंटेंट की मात्रा
हालांकि गिरावट के बीच उम्मीद की किरण भी दिखाई दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 में ओटीटी कंटेंट की मात्रा में इजाफा हो सकता है, हालांकि प्रोडक्शन की लागत कम होने की संभावना है। साथ ही, 2030 तक बड़ी स्क्रीन वाले घरों की संख्या 200 मिलियन पार करने की उम्मीद है, जबकि छोटी स्क्रीन वाले यानी स्मार्टफोन उपयोगकर्ता 700 मिलियन तक पहुंच सकते हैं।
सब्सक्राइबर घरों की संख्या में वृद्धि की उम्मीद
2027 तक ओटीटी सब्सक्राइबर घरों की संख्या 47 मिलियन से बढ़कर 65 मिलियन तक पहुंच सकती है, जिससे कंटेंट क्रिएटर्स के लिए एक बड़ा बाजार तैयार होगा।
ओटीटी इंडस्ट्री फिलहाल बदलाव के दौर से गुजर रही है। एक ओर कंटेंट की गुणवत्ता और बजट पर असर पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर क्षेत्रीय भाषाओं और नए दर्शक वर्गों के कारण इसका भविष्य उज्ज्वल भी नजर आ रहा है। 2025 में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को दर्शकों की बदलती मांग के अनुसार रणनीति बनानी होगी, ताकि वे कंटेंट की मात्रा और गुणवत्ता दोनों में संतुलन बना सकें।