उत्तरकाशीउत्तराखंड

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा का सत्र संपन्न, कपाट बंद होने की तैयारियां पूर्ण

उत्तरकाशी, 21 अक्टूबर: उत्तराखंड के प्रसिद्ध चार धामों में से दो प्रमुख धाम — गंगोत्री और यमुनोत्री — की यात्रा का वर्तमान सत्र अब अपने समापन की ओर है। परंपरानुसार गंगोत्री धाम के कपाट बुधवार, 22 अक्टूबर को और यमुनोत्री धाम के कपाट गुरुवार, 23 अक्टूबर को शीतकाल के लिए विधिवत रूप से बंद किए जाएंगे।

दोनों धामों में दीपोत्सव के साथ ही कपाट बंद करने से पूर्व विशेष पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठानों का क्रम जारी है।

गंगोत्री धाम कपाट बंद कार्यक्रम:
धार्मिक परंपरानुसार अन्नकूट पर्व के अवसर पर 22 अक्टूबर 2025 को पूर्वाह्न 11:36 बजे गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद कर दिए जाएंगे। कपाट बंद होने के बाद गंगा जी की उत्सव मूर्ति को डोली में बिठाकर मुखवा गांव लाया जाएगा, जहां गंगा जी की प्रतिमा शीतकाल के दौरान गंगा मंदिर में विराजमान रहेंगी। श्रद्धालुजन सर्दियों में मुखवा के गंगा मंदिर में दर्शन-पूजन कर सकेंगे।

यमुनोत्री धाम कपाट बंद कार्यक्रम:
यमुनोत्री धाम के कपाट 23 अक्टूबर 2025 को भैयादूज के पावन पर्व पर अपराह्न 12:30 बजे बंद किए जाएंगे। शीतकाल में यमुना जी की उत्सव मूर्ति को खरसाली गांव स्थित यमुना मंदिर में स्थापित किया जाएगा, जहां श्रद्धालुजन शीतकालीन अवधि में दर्शन और पूजा-अर्चना कर सकेंगे।

तैयारियां पूर्ण:
गंगोत्री मंदिर समिति और यमुनोत्री मंदिर समिति द्वारा कपाट बंदी से संबंधित सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। दोनों धामों में विशेष सजावट की गई है, वहीं मुखवा और खरसाली स्थित मंदिरों को भी आकर्षक रूप से सजाया-संवारा गया है। प्रशासन और पुलिस विभाग द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किए गए हैं।

यात्रा सत्र में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन:
इस वर्ष के यात्राकाल में आज सांय तक जिले के दोनों धामों में कुल 14,02,128 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए हैं। इनमें यमुनोत्री धाम में 6,44,366 तथा गंगोत्री धाम में 7,57,762 श्रद्धालु पहुंचे।

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