
देहरादून: सोशल मीडिया पर दोस्ती और दिल्लगी का चलन अब लोगों की जेब पर भारी पड़ रहा है। साइबर ठग युवतियों की मदद से लोगों को हनीट्रैप में फंसाकर उनकी पूरी जमा-पूंजी ठग रहे हैं। ऑनलाइन ट्रेडिंग में मोटे मुनाफे का लालच, आकर्षक चैट, प्रेमपाश और फिर ब्लैकमेलिंग—इसी रणनीति के जरिये ठग लोगों को जाल में ले रहे हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि केवल युवा ही नहीं, अधेड़ उम्र के लोग भी इन जालसाजों के शिकार बन रहे हैं। कई पीड़ितों के खाते मिनटों में खाली हो रहे हैं। कुछ मामले पुलिस तक पहुंच रहे हैं, जबकि कई लोग लोकलाज और बदनामी के डर से शिकायत ही नहीं कर रहे, जिससे साइबर ठगों का नेटवर्क और मजबूत होता जा रहा है।
साइबर अपराध विशेषज्ञों का कहना है कि ठग पहले सोशल मीडिया पर बातचीत बढ़ाते हैं, फिर निजी फोटो या वीडियो शेयर करवाते हैं। इसके बाद ब्लैकमेलिंग शुरू होती है और पीड़ित से लगातार पैसे ऐंठे जाते हैं। कई मामलों में ठग पीड़ितों से ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेश कराने का झांसा देकर भी लाखों रुपये ले चुके हैं।
पुलिस लगातार जागरूकता अभियान चला रही है और लोगों से अपील कर रही है कि किसी भी तरह की ठगी या ब्लैकमेलिंग होने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 या नजदीकी थाने में संपर्क करें।