उत्तराखंड

केदारनाथ धाम में एक बार फिर गूंजी संगम आरती की स्वर लहरियां

 केदारनाथ:  धाम के कपाट 2 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए, और अब श्रद्धा और भक्ति की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए 4 मई से ‘संगम आरती’ का भव्य आयोज  प्रारंभ कर दिया गया है। यह आरती  बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति द्वारा केदार सभा के सहयोग से की जा रही है।

पूर्व में यह संगम आरती नियमित रूप से की जाती थी, लेकिन 2013 की भीषण आपदा* के बाद यह परंपरा बाधित हो गई थी। अब सचिव पर्यटन  सचिन कुरवे के निर्देशानुसार *सरस्वती और मंदाकिनी नदियों के संगम स्थल पर प्रतिदिन गंगा आरती आयोजित की जाएगी।

4 मई की सायंकाल, प्रतिकूल मौसम के बावजूद स्थानीय पंडा-पुरोहितों, मंदिर समिति के अधिकारियों और श्रद्धालुओं ने आरती में भाग लिया और पूरे वातावरण को भक्ति से सराबोर कर दिया।

मंदिर समिति के मुख्य प्रभारी अधिकारी एवं अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी ने बताया कि यह आयोजन सचिव पर्यटन और मुख्य कार्याधिकारी विजय थपलियाल के निर्देशन में किया गया है। आयोजन में केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, महामंत्री नितिन सेमवाल, समिति के सहायक अभियंता गिरीश देवली, मंदिर अधिकारी युद्धवीर पुष्पबाण सहित अन्य पदाधिकारी और कर्मचारी शामिल रहे।यह संगम आरती प्रतिदिन कपाट बंद होने तक आयोजित की जाएगी, जिससे श्रद्धालु भगवान शिव की नगरी में आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव कर सकें।

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