
देहरादून | 22 दिसंबर 2025: दून मेडिकल कॉलेज में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल स्वास्थ्य सचिव के हस्तक्षेप के बाद समाप्त हो गई है। वेतन भुगतान में देरी और अस्पताल की सफाई व्यवस्था को लेकर लंबे समय से मिल रही शिकायतों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कॉलेज प्रबंधन को फटकार लगाई और स्पष्ट किया कि जनस्वास्थ्य से जुड़े संस्थानों में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।
सचिवालय में आयोजित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में दून मेडिकल कॉलेज की प्रशासनिक और कार्यप्रणाली की गहन समीक्षा की गई। बैठक में निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. अजय आर्य, प्राचार्य गीता जैन, अपर निदेशक डॉ. आर.एस. बिष्ट, उपचिकित्सा अधीक्षक डॉ. नंदन सिंह बिष्ट सहित कॉलेज प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सफाई व्यवस्था से जुड़े मामले में ठेकेदार एजेंसी अजमीरा फर्म के प्रतिनिधि को भी बैठक में बुलाया गया।

बैठक के दौरान स्वास्थ्य सचिव ने सफाई कर्मचारियों की हड़ताल, वेतन भुगतान में देरी, सफाई व्यवस्था में कमी और मरीजों को मिल रही स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर अधिकारियों से जवाब-तलब किया। उन्होंने कहा कि यह स्थिति न केवल प्रशासनिक विफलता को दर्शाती है, बल्कि आम जनता के विश्वास को भी प्रभावित करती है।
वेतन भुगतान के लिए अलग और समयबद्ध व्यवस्था के निर्देश
स्वास्थ्य सचिव ने निर्देश दिए कि उपनल के माध्यम से कार्यरत सफाई कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए पृथक और समयबद्ध व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके लिए शासन को शीघ्र पत्र भेजने का निर्णय लिया गया। साथ ही अजमीरा फर्म से जुड़े कर्मचारियों को टेंडर की शर्तों के अनुसार पूर्ण वेतन समय पर देने के सख्त निर्देश दिए गए।
स्वास्थ्य सचिव के स्पष्ट निर्देशों और त्वरित निर्णय के बाद अजमीरा फर्म के सफाई कर्मचारियों ने शाम की पाली से हड़ताल वापस ले ली। उपचिकित्सा अधीक्षक नंदन सिंह बिष्ट और फर्म प्रतिनिधि मेहुल कुमार ने बताया कि अस्पताल की सफाई व्यवस्था पूरी तरह सुचारू हो चुकी है और मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो रही है।
भविष्य के लिए सख्त चेतावनी
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि सफाई व्यवस्था, कर्मचारियों के हित और मरीजों की सुविधाएं सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल हैं। भविष्य में यदि किसी भी सरकारी मेडिकल कॉलेज में इस तरह की लापरवाही सामने आती है तो संबंधित अधिकारी और एजेंसी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही अस्पताल व्यवस्थाओं की नियमित निगरानी और समीक्षा के निर्देश भी दिए गए।
उन्होंने कहा कि दून मेडिकल कॉलेज राज्य का प्रमुख चिकित्सा संस्थान है और यहां आने वाला प्रत्येक मरीज स्वच्छ, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का अधिकार रखता है। इस जिम्मेदारी में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।