अमृतसर में ज़हरीली शराब का कहर: 14 लोगों की मौत, कई गंभीर; मुख्य सप्लायर गिरफ्तार, सीएम भगवंत मान करेंगे दौरा

अमृतसर, पंजाब: पंजाब के अमृतसर जिले के मजीठा क्षेत्र में ज़हरीली शराब पीने से एक बड़ा हादसा सामने आया है। सोमवार देर रात हुए इस हादसे में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। यह त्रासदी मजीठा विधानसभा क्षेत्र के भंगाली, धरीएवाल और मराड़ी कलां सहित कुल 5 गांवों में घटी।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस महकमा इस मामले में त्वरित कार्रवाई में जुट गया है। अमृतसर एसएसपी मनिंदर सिंह ने बताया कि पुलिस को सोमवार रात करीब 9:30 बजे सूचना मिली कि कुछ लोगों की हालत शराब पीने के बाद बिगड़ रही है। मौके पर पहुंचकर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 4 लोगों को हिरासत में लिया।
मुख्य सप्लायर परबजीत सिंह गिरफ्तार, किंगपिन साहिब सिंह हिरासत में
जांच में सामने आया कि इस जहरीली शराब का मुख्य सप्लायर परबजीत सिंह है, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है। उससे पूछताछ में किंगपिन सप्लायर साहिब सिंह का नाम सामने आया, जिसे भी हिरासत में ले लिया गया है। पुलिस ने बताया कि इन शराब सप्लायरों से यह भी पता लगाया जा रहा है कि उन्होंने यह नकली शराब किन कंपनियों से खरीदी थी और इसका नेटवर्क कितना बड़ा है।
गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों में कुलबीर सिंह उर्फ जग्गू (मुख्य आरोपी परबजीत का भाई), साहिब सिंह उर्फ सराय, गुरजंट सिंह और निंदर कौर का नाम सामने आया है।
सरकार की सख्ती और सीएम का दौरा
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने घटना को बेहद दुखद बताया और इसे ‘हत्या’ की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि मासूम लोगों की जान लेने वाले इन हत्यारों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। सीएम ने मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और कहा कि सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है और हर संभव सहायता दी जाएगी। वह आज मजीठा क्षेत्र का दौरा भी करेंगे।
स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर कर रही जांच
अमृतसर की डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने जानकारी दी कि प्रभावित गांवों में मेडिकल टीमों को तैनात कर दिया गया है। घर-घर जाकर लोगों की जांच की जा रही है और जिनमें लक्षण नहीं भी हैं, उन्हें भी एहतियातन अस्पताल ले जाया जा रहा है।
राजनीतिक विरोध और जांच के आदेश
इस त्रासदी के बाद विपक्षी दलों ने राज्य सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। उन्होंने सरकार से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की मांग की है।
सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दो एफआईआर दर्ज कर दी हैं और छापेमारी लगातार जारी है। पुलिस और प्रशासन इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि नकली शराब का यह नेटवर्क राज्य के और किन हिस्सों में फैला हुआ है।
यह घटना बीते तीन सालों में पंजाब की चौथी बड़ी जहरीली शराब त्रासदी बन चुकी है, जिसने प्रशासनिक निगरानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।