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Pune Rape Case : 26 वर्षीय महिला के साथ हिस्ट्रीशीटर अपराधी ने पुलिस स्टेशन से 100 मीटर दूर सरकारी बस में किया कुकर्म

Pune Rape Case : पुणे शहर में मंगलवार सुबह एक बेहद शर्मनाक और दर्दनाक घटना सामने आई, जहां 26 वर्षीय महिला के साथ एक हिस्ट्रीशीटर अपराधी ने एमएसआरटीसी बस स्टैंड पर खड़ी बस के अंदर कथित रूप से कुकर्म किया। यह घटना पुणे के व्यस्ततम बस स्टैंडों में से एक स्वारगेट डिपो में हुई, जिसने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है।

आरोपी फरार, पुलिस की छानबीन जारी

आरोपी दत्तात्रय रामदास गाडे (36) जो 2019 से जमानत पर बाहर था, वारदात को अंजाम देने के बाद से फरार है। पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए व्यापक स्तर पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। इस घटना के बाद पूरे इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, ताकि कोई भी कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ न कर सके।

पुणे पुलिस आयुक्त का घटनास्थल का दौरा

घटना की गंभीरता को देखते हुए पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार स्वयं स्वारगेट बस स्टैंड पहुंचे और वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों से विस्तार से चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों को जल्द से जल्द आरोपी को गिरफ्तार करने और पीड़िता को न्याय दिलाने के निर्देश दिए।

सामाजिक कार्यकर्ताओं का आक्रोश

इस दर्दनाक घटना को लेकर शहर के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने इस मामले पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा,

“स्वारगेट बस स्टैंड पर हुई रेप की घटना को 48 घंटे हो गए हैं, लेकिन अपराधी अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर है। महिलाएं सरकारी बसों में सफर करते हुए खुद को सुरक्षित महसूस करती हैं, लेकिन अगर इस तरह की घटनाएं होंगी तो इसका मतलब साफ है कि गृह मंत्रालय और पुलिस की ओर से लापरवाही बरती जा रही है।”

उन्होंने महिला आयोग पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि
“महिला आयोग को हमें यह बताने की जरूरत नहीं है कि महिलाओं को अजनबियों पर भरोसा नहीं करना चाहिए। महिलाएं अजनबियों पर भरोसा नहीं करतीं, बल्कि वे सरकार और प्रशासन पर भरोसा करती हैं कि वे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर पुणे से हैं, लेकिन अगर पुणे की महिलाएं ही सुरक्षित नहीं हैं, तो उनकी भूमिका पर भी सवाल उठता है।”

जनता में बढ़ता गुस्सा, प्रशासन पर दबाव

इस घटना के बाद पुणे की जनता में जबरदस्त आक्रोश है। कई सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने कड़े कदम उठाने और आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी सजा देने की मांग की है। इसके अलावा, प्रशासन पर भी दबाव बढ़ रहा है कि वह सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त करे, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

इस घटना ने एक बार फिर महिला सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार और प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि सार्वजनिक परिवहन में सफर करने वाली महिलाओं की सुरक्षा प्राथमिकता हो। जल्द कार्रवाई और कड़ी सजा ही ऐसी घटनाओं पर रोक लगा सकती है। अब देखना यह है कि पुलिस कब तक आरोपी को पकड़ पाती है और पीड़िता को न्याय मिल पाता है या नहीं।

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