देहरादून

उत्तराखंड में उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम की द्विदिवसीय कार्यशाला संपन्न

साक्षरता दर बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल, 13 जनपदों के प्रतिनिधि सम्मिलित

देहरादून:  उत्तराखंड राज्य द्वारा उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। 4 और 5 जून 2025 को एससीईआरटी उत्तराखंड के सभागार में आयोजित इस कार्यशाला का उद्देश्य राज्य में साक्षरता दर में वृद्धि करना है।

कार्यक्रम का शुभारंभ

कार्यक्रम का शुभारंभ 4 जून को दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। इस अवसर पर श्रीमती सुनीता चौहान (वरिष्ठ परामर्शदाता), श्रीमती बंदना गर्ब्याल (निदेशक, अकादमिक, शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखंड) और श्री कुलदीप गैरोला (अपर राज्य परियोजना निदेशक) ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन किया।

प्रथम दिवस की मुख्य बातें

श्री कुलदीप गैरोला ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए उल्लास कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने अपने चमोली जिले में मुख्य शिक्षा अधिकारी के रूप में कार्य करते समय “समर्थ गांव योजना” के सफल क्रियान्वयन का उदाहरण प्रस्तुत किया, जिसमें अध्यापकों, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों और कक्षा 11-12 के छात्रों के स्वैच्छिक प्रयास से लगभग 70 प्रतिशत सफलता प्राप्त हुई थी।

गैरोला ने कहा, “अक्षर ज्ञान और संख्या ज्ञान व्यक्ति की दो आंखों के समान है, जो उसे व्यवहारिक संसार में सफलतापूर्वक जीवन यापन करने के लिए दृष्टि प्रदान करती है।”

वरिष्ठ परामर्शदाता का संबोधन

श्रीमती सुनीता चौहान ने उल्लास कार्यक्रम के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि “ज्ञान का दान, अन्नदान तथा रक्तदान की भांति ही महत्वपूर्ण है।” उन्होंने आशा व्यक्त की कि उत्तराखंड के सभी जनपदों में उल्लास कार्यक्रम के प्रारंभ से राज्य जल्द ही लद्दाख, मिजोरम और गोवा की तरह पूर्ण साक्षरता का लक्ष्य प्राप्त कर सकेगा।

द्वितीय दिवस की गतिविधियां

दूसरे दिन श्रीमती सुनीता चौहान द्वारा पूर्व दिवस के प्रशिक्षण का फीडबैक लिया गया। राज्य नोडल अधिकारी श्री प्रद्युमन सिंह रावत ने उत्तराखंड में उल्लास कार्यक्रम की उपलब्धियों की जानकारी दी। राज्य समन्वयक श्री हरीश नेगी ने वर्ष 2025-26 के लिए भारत सरकार से स्वीकृत बजट की जानकारी साझा की।

जनपदों की प्रस्तुति

उत्तरकाशी और टिहरी गढ़वाल जनपदों ने अपने-अपने क्षेत्र में उल्लास कार्यक्रम की उपलब्धियों की प्रस्तुति दी। एससीएल के प्रतिनिधि श्री हरेंद्र अधिकारी ने प्राइमर और निर्देशिका संबंधी जानकारी प्रदान की।

भारत सरकार के प्रतिनिधि का प्रस्तुतीकरण

भारत सरकार के प्रतिनिधि श्री अश्विनी (संयुक्त निदेशक, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय) ने सभी प्रतिभागियों को उल्लास एप के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की और प्रतिभागियों के साथ संवाद किया।

प्रतिभागी

कार्यशाला में 13 जनपदों के जिला नोडल अधिकारी/जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक शिक्षा), जिला समन्वयक और डायट प्रवक्ताओं ने भाग लिया। इसके अतिरिक्त श्री बीपी मैंदोली (स्टाफ ऑफिसर, समग्र शिक्षा), श्री अनिल ध्यानी (राज्य समन्वयक) और एससीईआरटी उत्तराखंड के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

समापन

कार्यशाला के अंतिम चरण में निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण, अपर राज्य परियोजना निदेशक और उप राज्य परियोजना निदेशक श्री अजीत भंडारी द्वारा प्रतिभागियों को संबोधित किया गया और प्रमाण पत्र वितरित किए गए।

महत्व

यह कार्यशाला उत्तराखंड में साक्षरता दर बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्य सरकार का लक्ष्य स्वयंसेवकों को तैयार करके जमीनी स्तर पर साक्षरता कार्यक्रम को सफल बनाना है।


उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जो देश भर में साक्षरता दर में वृद्धि के लिए चलाई जा रही है।

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