
देहरादून: आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत जिलाधिकारी सविन बंसल ने प्रभावित क्षेत्र फुलेत, छमरोली, सिमयारी, सिल्ला, क्यारी, सिरोना आदि में राहत और बचाव कार्यों के लिए विशेष अधिकारियों की तैनाती कर दी है। ये अधिकारी अग्रिम आदेश तक वहीं तैनात रहेंगे।
डीएम ने स्वयं गाढ़, गदेरे, ढौंड और ढंगार पार कर प्रभावित परिवारों तक पहुँचकर हालात का जायजा लिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि राहत और पुनर्वास कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी, अन्यथा विधिक कार्रवाई की जाएगी।

अत्यधिक वर्षा से सरौना, सिल्ला और चामासारी क्षेत्रों में आवासीय भवनों, गौशालाओं, पशुधन, कृषि भूमि, मोटर मार्ग, सिंचाई गूलों और विद्युत आपूर्ति को भारी क्षति पहुँची है।
डीएम ने निरीक्षण के दौरान विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि क्षति का विस्तृत सर्वेक्षण कर प्राकलन (स्टीमेट) तैयार करें। तहसीलदार, ब्लॉक प्रभारी कृषि, एडीओ उद्यान, जेई लोनिवि और सिंचाई विभाग के अधिकारी मौके पर ही रहकर भूमि कटाव, फसल क्षति, भवन क्षति और पशु हानि का आकलन करें तथा अंतिम व्यक्ति तक मुआवजा वितरण सुनिश्चित करें।
फुलेत, छमरोली, सिमयारी, सिल्ला, क्यारी और सिरोना गांवों की पगडंडियों व खेतों का दौरा कर डीएम ने करीब 4 हजार आपदा प्रभावित आबादी का दर्द समझा। उन्होंने हेली सेवा का विकल्प छोड़कर दुर्गम रास्तों से पैदल और सड़क मार्ग से भ्रमण किया।
लोनिवि अधिकारियों को क्षतिग्रस्त भवनों की तकनीकी रिपोर्ट आज ही प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, आपदा में मृतक और लापता मजदूरों का समुचित विवरण उपलब्ध कराने के लिए पीएमजीएसवाई को आदेशित किया गया। ब्लॉक खाले और पैदल रास्तों को मलबे से साफ करने के लिए पीएमजीएसवाई को मौके पर ही धन स्वीकृत किया गया और आज से ही कार्य शुरू करने के निर्देश दिए गए।
इसके अलावा, विद्यालयों से संबंधित समस्याओं के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारी को क्षेत्र का दौरा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।