दयारा बुग्याल में मनी दूध-मक्खन की अनोखी होली

उत्तरकाशी के दयारा बुग्याल में आयोजित बटर फेस्टिवल में इस बार भी परंपरा निभाई गई। दूध-दही से वन देवियों और देवताओं को भोग लगाने के बाद ग्रामीणों ने दूध-मक्खन की होली खेली।
धराली आपदा के कारण इस वर्ष अंडुड़ी मेला (बटर फेस्टिवल) 20 दिन देरी से आयोजित किया गया। राधा-कृष्ण बने पात्रों ने दही की हांडी फोड़कर शुभारंभ किया और ग्रामीणों को आशीर्वाद दिया। इसके बाद बुग्याल में दूध-दही की होली खेली गई और मवेशियों तथा क्षेत्र की खुशहाली की कामना की गई।
हर साल भाद्रपद संक्रांति पर आयोजित होने वाला यह मेला इस बार बदलकर आयोजित किया गया। सावन के महीने में ग्रामीण मवेशियों के साथ बुग्यालों में दूध-दही, मक्खन एकत्र करते हैं, जिसे बाद में मेले में उपयोग किया जाता है।
इस मौके पर ढोल-दमाऊं की थाप पर रासो-तांदी भी किया गया। परंपरा के अनुसार ग्रामीणों ने वन देवियों और अपने आराध्य देवता को भी दूध-दही, मक्खन का भोग अर्पित किया।
त्योहार इस बार आपदा के कारण केवल स्थानीय ग्रामीणों तक ही सीमित रहा।