
देहरादून, 14 अक्टूबर: हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेला 2027 की तैयारियों ने रफ्तार पकड़ ली है। प्रदेश सरकार ने इस बार कुंभ के आयोजन को और अधिक सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है। इसके तहत हरिद्वार में एक अस्थायी शहर बसाया जाएगा, जिसमें थाने, अस्पताल, सूचना केंद्र और अन्य आवश्यक सुविधाएं स्थापित की जाएंगी।
प्रस्ताव के अनुसार, कुंभ मेला क्षेत्र को 32 सेक्टरों में विभाजित किया जाएगा। प्रत्येक सेक्टर में अस्थायी पुलिस थाना, स्वास्थ्य केंद्र, अग्निशमन केंद्र, जल और विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था के साथ-साथ स्वच्छता और यातायात नियंत्रण की पूर्ण व्यवस्था होगी। इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र को विस्तृत प्रस्ताव भेजा है।
कुंभ मेला हरिद्वार में हर बार लाखों श्रद्धालु और संत-समाज के लोग पहुंचते हैं। इस दौरान ठहरने और मूलभूत सुविधाओं की बड़ी चुनौती सामने आती है, विशेषकर कल्पवासियों (लंबे समय तक ठहरने वाले श्रद्धालुओं) के लिए। इस समस्या के समाधान के लिए अस्थायी शहर की योजना तैयार की गई है, जिससे सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित, स्वच्छ और सुविधाजनक ठहराव मिल सके।
अधिकारियों के अनुसार, इस अस्थायी शहर में सड़कें, पेयजल लाइनें, सार्वजनिक शौचालय, बिजली, सुरक्षा व्यवस्था और डिजिटल सूचना प्रणाली जैसी सभी आधुनिक सुविधाएं अस्थायी रूप से विकसित की जाएंगी। साथ ही, भीड़ प्रबंधन और आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए विशेष कंट्रोल रूम भी स्थापित किया जाएगा।
राज्य सरकार का कहना है कि कुंभ मेला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि उत्तराखंड की पहचान और सांस्कृतिक विरासत से जुड़ा सबसे बड़ा आयोजन भी है। इसलिए इसकी तैयारियों को लेकर किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं बरती जाएगी।
कुंभ 2027 को लेकर प्रशासन ने योजना चरण से ही पर्यावरण संरक्षण, यातायात प्रबंधन और साफ-सफाई को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। सरकार का लक्ष्य है कि यह कुंभ उत्तराखंड के इतिहास का सबसे सुरक्षित, स्वच्छ और सुव्यवस्थित कुंभ मेला हो।