उत्तराखंडदेहरादून

उत्तराखंड विधानसभा का विशेष सत्र — दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार तैयार कर रही विशेष मॉडल

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र का समापन महत्वपूर्ण घोषणाओं और चर्चाओं के साथ हुआ। इस दौरान दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों के समग्र विकास को लेकर सरकार ने विशेष मॉडल तैयार करने की दिशा में काम शुरू करने की घोषणा की।

सत्र के समापन पर संसदीय कार्यमंत्री सुबोध उनियाल ने सदन में सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि राज्य के दूरस्थ और पहाड़ी इलाकों के विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विशेष सत्र में जो भी वाद-विवाद हुआ, वह राज्यहित में होना चाहिए, न कि राजनीति से प्रेरित।

सुबोध उनियाल ने कहा, “हम सभी उत्तराखंड के मूल निवासी हैं, और हमारा एकमात्र उद्देश्य प्रदेश का संतुलित विकास सुनिश्चित करना है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, रोजगार और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में योजनाबद्ध ढंग से कार्य किए जाएंगे।”

उन्होंने यह भी बताया कि सरकार अब ‘दुर्गम क्षेत्र विकास मॉडल’ तैयार कर रही है, जिसके तहत हर जिले की भौगोलिक, सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाई जाएंगी। इस मॉडल का मकसद स्थानीय संसाधनों का अधिकतम उपयोग करते हुए रोजगार सृजन और पलायन रोकने की दिशा में ठोस कदम उठाना है।

सत्र के दौरान कई विधायकों ने भी दूरस्थ गांवों की समस्याओं, आधारभूत ढांचे की कमी और पर्यटन संभावनाओं के दोहन से जुड़े मुद्दे उठाए। सरकार ने आश्वासन दिया कि सभी सुझावों को इस मॉडल में शामिल किया जाएगा।

सरकार का कहना है कि यह पहल न केवल पहाड़ी क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा में जोड़ेगी, बल्कि आने वाले वर्षों में ‘मॉडल उत्तराखंड’ के विजन को साकार करने में भी अहम भूमिका निभाएगी।

इस विशेष सत्र में राज्य के विकास, प्रशासनिक पारदर्शिता, और जनकल्याणकारी नीतियों पर व्यापक चर्चा हुई, जिससे यह सत्र राज्य के विकास इतिहास में एक महत्वपूर्ण पड़ाव बन गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button