
देहरादून, उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की वर्ष 2025 की प्रथम तथा वर्ष 2024 की तृतीय परीक्षाफल सुधार परीक्षा के नतीजे घोषित कर दिए हैं। बोर्ड के अनुसार, हाईस्कूल में 81.38% और इंटरमीडिएट में 76.27% छात्रों ने अंक सुधार परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। इससे वर्ष 2025 की बोर्ड परीक्षा के कुल परीक्षाफल में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
विधानसभा के विद्यालयी शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि एनईपी के प्रावधानों के तहत प्रदेश में बोर्ड परीक्षाओं में अनुत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को परीक्षाफल सुधार का अवसर दिया जाता है। इस बार बोर्ड ने चार से 11 अगस्त तक 97 परीक्षा केंद्रों पर अंक सुधार परीक्षा का आयोजन किया।
हाईस्कूल में 6657 और इंटरमीडिएट में 9154 परीक्षार्थियों ने इस परीक्षा में पंजीकरण कराया था। इनमें मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण और अनुत्तीर्ण दोनों प्रकार के छात्र शामिल थे। हाईस्कूल में 81.38% और इंटरमीडिएट में 76.27% छात्र-छात्राएं पास हुईं।
मंत्री ने बताया कि अंक सुधार परीक्षा के बाद हाईस्कूल की मुख्य परीक्षाफल में 4.40% की वृद्धि हुई, जिससे कुल परीक्षाफल 90.77% से बढ़कर 95.17% हो गया। इसी प्रकार, इंटरमीडिएट में 6.30% की वृद्धि हुई, जिससे कुल परीक्षाफल 83.23% से बढ़कर 89.53% हो गया।
वर्ष 2024 की तृतीय अंक सुधार परीक्षा में हाईस्कूल का परिणाम 65.79% और इंटरमीडिएट का 60.48% रहा था। मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड बोर्ड में 10वीं और 12वीं के फेल छात्र-छात्राओं को पास होने के लिए तीन मौके दिए जाते हैं। वर्ष 2025 के छात्रों के लिए यह पहला मौका था, जबकि वर्ष 2024 के छात्रों के लिए अंतिम अवसर था।
बयान:
“हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की मुख्य परीक्षा में अनुत्तीर्ण रहे छात्र-छात्राओं को परीक्षाफल सुधार परीक्षा के माध्यम से एक और अवसर दिया गया। छात्रों ने कड़ी मेहनत और लगन से यह साबित किया कि संकल्प और आत्मविश्वास से सफलता प्राप्त की जा सकती है। बेहतर प्रदर्शन के साथ ही हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के कुल परीक्षाफल में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है।” – धन सिंह रावत, विद्यालयी शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड