
देहरादून, 14 अक्टूबर: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) ने आगामी समूह-ग भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। आयोग ने परीक्षा की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए एक मास्टर प्लान तैयार किया है, जिसके तहत परीक्षा केंद्रों की निगरानी अब लाइव टेलीकास्ट के माध्यम से की जाएगी।
नई व्यवस्था के अनुसार, परीक्षा केंद्र के भीतर अभ्यर्थियों के साथ केवल पर्यवेक्षक (सुपरवाइज़र) को ही प्रवेश की अनुमति होगी। बाकी सभी कार्य — जैसे कि हाजिरी लेना, दस्तावेज़ों की जांच और प्रवेश प्रक्रिया — केंद्र के गेट पर ही पूरी की जाएगी।
परीक्षा से एक दिन पहले सभी परीक्षा केंद्रों पर लगाए गए जैमर की जांच अनिवार्य रूप से की जाएगी। यदि किसी जैमर में तकनीकी कमी पाई जाती है, तो उसे तत्काल बदला जाएगा।
ज्ञात हो कि यूकेएसएसएससी की पिछली स्नातक स्तरीय परीक्षा में 4जी जैमर के 5जी नेटवर्क को जाम न कर पाने की समस्या सामने आई थी। इसी को ध्यान में रखते हुए आयोग ने इस बार इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) — जो सरकारी जैमर सप्लाई कंपनी है — और बायोमीट्रिक मशीन उपलब्ध कराने वाली कंपनी के अधिकारियों के साथ बैठक बुलाने का निर्णय लिया है। यह बैठक इसी महीने की 27-28 तारीख को होगी, जिसमें पिछले अनुभवों की समीक्षा और तकनीकी खामियों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।
आयोग का कहना है कि परीक्षा प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जैमर की कार्यप्रणाली, लाइव मॉनिटरिंग सिस्टम और बायोमीट्रिक उपस्थिति जैसी व्यवस्थाएं इस बार पूरी तरह सुदृढ़ की जा रही हैं ताकि किसी भी तरह की नकल या पेपर लीक की संभावना समाप्त की जा सके।
यूकेएसएसएससी का यह कदम प्रदेश में पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया की दिशा में एक बड़ा और भरोसेमंद प्रयास माना जा रहा है।