
देहरादून: उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने राज्य में बिजली व्यवस्था को लेकर एक महत्वपूर्ण दावा किया है। निगम के अनुसार पिछले तीन वर्षों में ट्रांसफार्मरों के खराब होने की घटनाओं में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। नई तकनीक, बेहतर निगरानी और समय पर मेंटेनेंस ने इस सुधार में बड़ी भूमिका निभाई है।
ट्रांसफार्मर क्षति दर में लगातार गिरावट
ऊर्जा निगम के आंकड़ों के अनुसार:
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वर्ष 2022-23 में ट्रांसफार्मर क्षति दर 5.75% थी।
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वर्ष 2024-25 में यह घटकर 3.91% रह गई।
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अक्टूबर 2025 तक क्षति दर और कम होकर 3.01% पर आ गई है।
निगम का दावा है कि पिछले दो वर्षों में एक भी पावर ट्रांसफार्मर खराब नहीं हुआ, जो सिस्टम सुधार का बड़ा संकेतक माना जा रहा है।
नई तकनीक ने बदली तस्वीर
यूपीसीएल ने बताया कि यह सुधार कई महत्वपूर्ण तकनीकी बदलावों के कारण संभव हुआ है—
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स्काडा (SCADA) सिस्टम के माध्यम से रियल-टाइम मॉनिटरिंग
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अच्छी गुणवत्ता वाले ट्रांसफार्मर का उपयोग
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एबी केबल लगाने से फाल्ट में कमी
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समय पर मेंटेनेंस और सर्विसिंग
इन कदमों से फाल्ट की संख्या घटी है, जिससे बिजली बाधित होने की घटनाओं पर सीधा प्रभाव पड़ा है।
उपभोक्ताओं को मिल रही राहत
यूपीसीएल के अनुसार, तकनीकी सुधारों का फायदा अब उपभोक्ताओं तक पहुँच रहा है।
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बिजली कटौती में कमी
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वोल्टेज में स्थिरता
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ट्रिपिंग में कमी
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ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों में भी बिजली आपूर्ति पहले की तुलना में अधिक सुचारु
ऊर्जा निगम का कहना है कि आने वाले समय में और बेहतर तकनीकी अपग्रेड किए जाएंगे, ताकि राज्यभर में बिजली वितरण प्रणाली को और मजबूत बनाया जा सके।