उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा ने ‘वसूली गैंग मोर्चा’ के विरुद्ध दर्ज कराई शिकायत

देहरादून: सोशल मीडिया पर अपनी छवि धूमिल करने की साजिश के विरुद्ध उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा ने सख्त रुख अपनाते हुए पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा है। संगठन का आरोप है कि ‘वसूली गैंग मोर्चा’ नामक एक फर्जी फेसबुक पेज के माध्यम से उनके विरुद्ध झूठा प्रचार किया जा रहा है।
देहरादून महानगर अध्यक्ष रामकुमार शंखधर के नेतृत्व में उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस अधीक्षक रुक्मिणी सुहानी से भेंट की। इस दौरान संगठन ने ‘वसूली गैंग मोर्चा’ प्रकरण को लेकर विस्तृत ज्ञापन सौंपा। शंखधर ने पुलिस अधीक्षक को बताया कि पिछले कुछ दिनों से एक संदिग्ध फेसबुक पेज द्वारा लगातार उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा की छवि खराब करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ शरारती तत्व इस पेज का संचालन कर रहे हैं और जनता को गुमराह करने के लिए झूठे एवं भ्रामक प्रचार कर रहे हैं।
संगठन के अनुसार, इस संदिग्ध पेज पर मोर्चा के पदाधिकारियों की तस्वीरें बिना अनुमति के प्रकाशित की गई हैं, जिससे उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा और व्यक्तिगत सम्मान को गंभीर नुकसान पहुंचा है।
उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा ने निम्नलिखित कानूनी धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है:
- आईटी अधिनियम 2000
- भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (मानहानि)
- धारा 500 (मानहानि के लिए दंड)
- धारा 505 (लोक शरारत)
- धारा 66A (आईटी अधिनियम के तहत आपत्तिजनक संदेश)
प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्य
इस महत्वपूर्ण बैठक में निम्नलिखित वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित थे:
- कर्नल कैलाश देवरानी (सैनिक प्रकोष्ठ अध्यक्ष)
- राजेन्द्र भट्ट (उपाध्यक्ष)
- चित्रपाल सजवाण
- अनिल डोभाल (रायपुर इकाई प्रभारी)
- पूरण सिंह रावत
- हरदेव पंवार
- अन्य वरिष्ठ कार्यकर्ता
उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर यदि कोई भी संगठन या व्यक्ति जनता को भ्रमित करने का प्रयास करेगा, तो उसके विरुद्ध लोकतांत्रिक और कानूनी तरीकों से कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।यह मामला सोशल मीडिया पर बढ़ती फर्जी खबरों और भ्रामक प्रचार की समस्या को उजागर करता है, जो आज के डिजिटल युग में एक गंभीर चुनौती बनती जा रही है।