
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आज उत्तराखंड बेरोजगार संघ और तकनीकी डिप्लोमा प्राप्त छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री आवास में भेंट की। इस अवसर पर प्रतिनिधियों ने राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने युवाओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए परीक्षा प्रक्रिया में अनियमितताओं की शिकायतों पर गंभीरता से संज्ञान लिया और संबंधित परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय लिया।
संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार द्वारा परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदम युवाओं में विश्वास और आशा का संचार करते हैं। उन्होंने इस कार्रवाई को युवाओं के हित में ऐतिहासिक निर्णय बताया।
मुख्यमंत्री धामी ने प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि सरकार योग्यता और पारदर्शिता पर आधारित भर्ती प्रक्रिया के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य में किसी भी भर्ती परीक्षा में भ्रष्टाचार, नकल या अनुचित साधनों के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रहेगी।
धामी ने कहा कि युवाओं की मेहनत और प्रतिभा के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नकल विरोधी कानून लागू कर परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा रही है। इस कानून के तहत किसी भी व्यक्ति या संगठन द्वारा परीक्षा प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास करने पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हर पात्र युवक-युवती को निष्पक्ष अवसर मिले और राज्य की सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में पूर्ण पारदर्शिता और विश्वास का माहौल बनाए रखा जाए। उन्होंने उत्तराखंड के युवाओं की मेहनत, लगन और ईमानदारी को राज्य की सबसे बड़ी पूंजी बताया और कहा कि सरकार हमेशा उनके हितों की रक्षा के लिए तत्पर है।
बेरोजगार संघ के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि भविष्य की परीक्षाओं में नकल-रोधी प्रावधानों को और अधिक सुदृढ़ किया जाए और भर्ती प्रक्रिया को समयबद्ध रूप से संचालित किया जाए। मुख्यमंत्री ने उनके सुझावों की सराहना करते हुए कहा कि पारदर्शी भर्ती ही सुशासन की पहचान है और राज्य सरकार इसी दिशा में निरंतर कार्य कर रही है।
इस अवसर पर बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।