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उत्तराखंड महिला आयोग की बोर्ड बैठक सम्पन्न: महिला सुरक्षा व सशक्तिकरण को लेकर लिए गए अहम निर्णय

उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली बोर्ड बैठक शनिवार को देहरादून के सुद्धोवाला स्थित महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास निदेशालय सभागार में सम्पन्न हुई। आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में आयोग की नवनियुक्त उपाध्यक्षों और समस्त सदस्यों ने भाग लिया।

बैठक की शुरुआत सदस्य सचिव उर्वशी चौहान और विधि अधिकारी दयाराम सिंह द्वारा अध्यक्ष व सभी सदस्यों के स्वागत के साथ हुई। आयोग की अध्यक्ष ने उपाध्यक्ष सायरा बानो और ऐश्वर्या रावत सहित सभी सदस्यों को आयोग के कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि आयोग राज्य की महिलाओं की सुरक्षा, अधिकारों की रक्षा और परिवारों को जोड़े रखने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

कुसुम कण्डवाल ने बताया कि पिछले डेढ़ साल से आयोग में उपाध्यक्षों के पद रिक्त थे, जिन्हें अब भर दिया गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में महिलाओं के हित में कई योजनाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ऐश्वर्या रावत पौड़ी, उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग में कार्य करेंगी, जबकि सायरा बानो ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार और अल्मोड़ा जनपदों की जिम्मेदारी संभालेंगी।

बैठक में महिला सुरक्षा, जन-जागरूकता, विधिक कार्यशालाएं, और महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक रूप से सशक्त करने हेतु विभिन्न प्रस्ताव पारित किए गए। इसमें विशेष रूप से विवाह पूर्व काउंसलिंग और सास-बहू काउंसलिंग सेल शुरू करने की बात प्रमुख रही। ‘तेरे मेरे सपने’ थीम के अंतर्गत यह पहल की जाएगी ताकि नए परिवारों को टूटने से बचाया जा सके।

इसके अतिरिक्त आयोग द्वारा राज्य के सभी जिलों में वन स्टॉप सेंटर की स्थिति का मूल्यांकन कर उन्हें अधिक सुलभ और आधुनिक बनाने का भी प्रस्ताव पारित हुआ। बड़े जिलों में दो-दो स्थानों पर ओएससी केंद्र खोलने की मांग भी उठी। साथ ही आयोग मुख्यालय को देहरादून शहर के भीतर लाने की सिफारिश भी की गई ताकि पीड़िताओं को काउंसलिंग के लिए आने में सुविधा हो।

अध्यक्ष ने यह भी जानकारी दी कि जून माह के बाद राज्य के सभी जिलों में स्थित नारी निकेतन, किशोरी संप्रेषण गृह, महिला कारागारों और वन स्टॉप सेंटर्स का निरीक्षण किया जाएगा।

बैठक के अंत में सदस्य सचिव उर्वशी चौहान ने आयोग अध्यक्ष, उपाध्यक्षों, सभी सदस्यों व उपस्थित अधिकारियों और स्टाफ का आभार व्यक्त किया।

यह बैठक न केवल महिला सुरक्षा और न्याय को लेकर एक सकारात्मक पहल रही, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर और जागरूक बनाने की दिशा में भी अहम मील का पत्थर साबित हो सकती है।

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