दिल्ली का नया मुख्यमंत्री कौन ? बीजेपी की सत्ता में वापसी के बाद मंथन जारी
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देश की राजधानी दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 27 साल बाद ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए सत्ता में वापसी की है। विधानसभा चुनाव में मिले प्रचंड बहुमत के बावजूद, पार्टी अब तक अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं कर पाई है। इस बीच, मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन बीजेपी के भीतर अभी भी नए मुख्यमंत्री के नाम पर मंथन जारी है।
आप की नाराजगी और बीजेपी पर हमला
आम आदमी पार्टी (आप) की नेता और कालकाजी से विधायक आतिशी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव परिणाम घोषित हुए 10 दिन हो चुके हैं, लेकिन पार्टी अब तक मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा नहीं कर पाई है। आतिशी का कहना है कि दिल्ली के लोगों ने 8 फरवरी को मतदान कर अपने जनप्रतिनिधि चुने थे और उम्मीद थी कि 9 फरवरी तक बीजेपी अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा कर देगी। लेकिन अब 17 फरवरी हो चुका है, फिर भी पार्टी असमंजस में है।
बीजेपी के विधायकों पर सवाल
आतिशी ने तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस बात को समझ चुके हैं कि बीजेपी के पास 48 विधायकों में से कोई भी मुख्यमंत्री बनने के लायक नहीं है। यही कारण है कि इतने दिनों के बाद भी बीजेपी अपने नेता का चयन नहीं कर पा रही है।
भ्रष्टाचार के आरोप और एमसीडी की स्थिति
आतिशी ने बीजेपी पर भ्रष्टाचार और जनता को धोखा देने के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बीजेपी के विधायकों का एकमात्र मकसद दिल्ली के खजाने को लूटना और जनता को गुमराह करना है। उन्होंने आरोप लगाया कि 15 साल के एमसीडी शासन के दौरान बीजेपी के पार्षदों ने भ्रष्टाचार और लूटपाट में कोई कसर नहीं छोड़ी, जिससे एमसीडी की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई। इसी वजह से प्रधानमंत्री मोदी अपने ही पार्टी के किसी भी विधायक पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं और मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला लेने में देरी हो रही है।
आगे क्या होगा?
दिल्ली के लोगों की नजर अब बीजेपी के फैसले पर टिकी हुई है। देखना होगा कि पार्टी किसे मुख्यमंत्री के रूप में चुनती है और नई सरकार बनने के बाद दिल्ली के विकास और जनता की समस्याओं के समाधान के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।