
देहरादून 14 दिसंबर: उत्तराखंड में शीतकालीन पर्यटन और तीर्थाटन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कई महत्वाकांक्षी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य में पर्यटन और तीर्थाटन विकास के साथ-साथ स्नो लेपर्ड साइटिंग, हेली-स्कीइंग और हिमालयन कार रैली जैसे नवाचारी आयोजनों को शीघ्र शुरू करने पर जोर दिया है।
इन पहलों का उद्देश्य शीतकाल में भी पर्यटन गतिविधियों को गति देना, स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करना और उत्तराखंड को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करना है।
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की इस पहल का स्वागत किया है।
गत शनिवार को मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि शीतकालीन पर्यटन की अपार संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए तीर्थाटन सर्किट, इको-टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म और वाइल्डलाइफ टूरिज्म को एकीकृत रणनीति के तहत विकसित किया जाए। उन्होंने हिमालयी क्षेत्रों में दुर्लभ वन्यजीव स्नो लेपर्ड की साइटिंग को सुरक्षित, वैज्ञानिक और पर्यावरण-संवेदनशील तरीके से विकसित करने की योजना बनाने के निर्देश दिए, ताकि प्रकृति संरक्षण के साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिले।
मुख्यमंत्री ने हेली-स्कीइंग को प्रोत्साहित करने के निर्देश देते हुए कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियां इसे विश्वस्तरीय एडवेंचर टूरिज्म गतिविधि के रूप में स्थापित करने के लिए अनुकूल हैं। इसके साथ ही सुरक्षा मानकों, प्रशिक्षित मानव संसाधन और अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं सुनिश्चित करने पर बल दिया। वहीं, हिमालयन कार रैली के आयोजन से राज्य के दुर्गम और सुंदर क्षेत्रों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिलने की उम्मीद है।
बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने कहा कि शीतकालीन पर्यटन और तीर्थाटन को बढ़ावा देने से चारधाम क्षेत्र सहित सीमांत और पर्वतीय इलाकों में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। इससे होटल, होमस्टे, स्थानीय गाइड, परिवहन और हस्तशिल्प से जुड़े लोगों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा तथा शीतकालीन पूजा स्थलों में श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ेगी।