उत्तराखंड

नशा मुक्ति केंद्र में मानसिक स्वास्थ्य और नशे को छोड़ने पर कार्यशाला का आयोजन

देहरादून स्थित कर्मा नशा मुक्ति वेलफेयर सोसाइटी में संख्य योग फाउंडेशन द्वारा एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाना और नशे को छोड़ने के लिए सही मार्गदर्शन देना था।

नशा छोड़ने में सपोर्ट सिस्टम की भूमिका

कार्यशाला में बताया गया कि कोई भी व्यक्ति अकेले नशे से बाहर नहीं निकल सकता, बल्कि उसे एक मजबूत सपोर्ट सिस्टम की आवश्यकता होती है। परिवार, दोस्त, समाज और पेशेवर मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का सहयोग इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

मानसिक स्वास्थ्य का महत्व

कार्यशाला में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चर्चा की गई और बताया गया कि सकारात्मक सोच और स्वस्थ मानसिक स्थिति न केवल नशे से बचाने में सहायक होती है बल्कि यह एक सार्थक और सफल जीवन के लिए भी आवश्यक है।

प्रैक्टिकल थेरेपी और प्रशिक्षण

इस सत्र में प्रैक्टिकल थेरेपी का भी आयोजन किया गया, जिसमें मनोवैज्ञानिक तकनीकों और गतिविधियों के माध्यम से नशे से छुटकारा पाने के उपाय बताए गए। प्रतिभागियों को तनाव प्रबंधन, ध्यान (मेडिटेशन) और आत्मनियंत्रण की तकनीकों के बारे में भी सिखाया गया।

नशा मुक्ति की शपथ और अभियान से जुड़ाव

कार्यशाला के अंत में सभी प्रतिभागियों को जीवन में कभी नशा न करने और दूसरों को भी इससे दूर रखने की शपथ दिलाई गई। इसके साथ ही, सभी को “ना नशा लेंगे, ना लेने देंगे” अभियान से जोड़ा गया, जिससे वे समाज में नशा मुक्त वातावरण बनाने में योगदान दे सकें।

इस कार्यशाला का आयोजन प्रख्यात मनोवैज्ञानिक डॉ. मुकुल शर्मा द्वारा किया गया, जो मानसिक स्वास्थ्य और नशा मुक्ति के क्षेत्र में वर्षों से कार्यरत हैं। इसके अलावा, कर्मा नशा मुक्ति केंद्र के संचालक एवं निर्देशक रवि जी भी इस कार्यशाला में उपस्थित रहे और उन्होंने नशा मुक्ति की दिशा में हो रहे प्रयासों की सराहना की।

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