
भुज (गुजरात)। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से पाकिस्तान को दी जा रही 1 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता पर पुनर्विचार करने की कड़ी अपील की है। उनका कहना है कि यह मदद आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले बुनियादी ढांचे को सीधे या परोक्ष रूप से समर्थन देने के समान है।
भुज में सैन्यकर्मियों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा,
- “भारत नहीं चाहता कि आईएमएफ को दिए जाने वाले हमारे धन का उपयोग पाकिस्तान या किसी अन्य देश में आतंकवादी नेटवर्क खड़ा करने में हो।”
उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि आज के दौर में पाकिस्तान को किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता देना आतंकवाद को फंडिंग देने जैसा है। राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि भारत की स्पष्ट मांग है कि IMF इस सहायता पर दोबारा विचार करे और भविष्य में पाकिस्तान को कोई भी मदद देने से परहेज करे।
सुरक्षा की समीक्षा और ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख
भुज स्थित वायुसेना स्टेशन पर पहुंचकर राजनाथ सिंह ने समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सशस्त्र बलों की सफलता की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन में भारत ने न केवल दुश्मन को जवाब दिया, बल्कि आतंकी तत्वों को निर्णायक रूप से कुचलने में भी सफलता हासिल की।
उन्होंने कहा,
- “हमारी वायु सेना ने अपनी वीरता, साहस और गौरव से नई और महान ऊंचाइयों को छुआ है।”
यह वही भुज एयरबेस है, जिसे पाकिस्तान ने पहले के संघर्षों के दौरान निशाना बनाया था, लेकिन भारतीय सशस्त्र बलों ने इसे मजबूत और अडिग बनाए रखा।
राजनाथ सिंह की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति डगमगाई हुई है और वह अंतरराष्ट्रीय सहायता पर निर्भर है। भारत ने पहले भी कई बार यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया है कि पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद का उपयोग आतंकवादी संगठनों को पालने-पोसने में होता है।