उत्तराखंडसामाजिक

परिसंघ ने की ईवीएम हटाने-लोकतंत्र बचाने की मांग

देहरादून

भारत के संविधान के Preamble लिखा है

• इस भारत के लोग भारत को एक सम्पूर्ण, प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, पंथ निरपेक्ष, लोकतान्त्रिक गणराज्य बनाने के लिए

लोकतान्त्रिक गणराज्य बनाने के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होने जरूरी है। स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव लोकतन्त्र में रहने वाले लोगों को अपने देश की राजनैतिक संरचना और भविष्य की नीति दिशा निर्धारित करने की अनुमति देते हैं। लोकतन्त्र एक ऐसी प्रणाली है जिसके अंतर्गत जनता अपनी स्वेच्छा से निर्वाचन में आये हुये किसी भी उम्मीदवार को मत देकर अपना प्रतिनिधि चुन सकती है ।

 

परिसंघ को भारत में चुनाव प्रणाली में उपयोग की जाने वाली EVM की integrity के बारे में काफी संदेह है। वर्तमान में EVM से चुनाव लोकतान्त्रिक सि‌द्धांतों के सत्यापनता का अनुपालन नहीं करते । इस लिए परिसंघ की मांग है कि चुनाव EVM की बजाय बेलेट पेपर से हो ।

 

चुनावी प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए जिससे आम जनता संतुष्ट हो सके कि उसका बोट उसी के ही उम्मीदवार को पड़ रहा है तथा वह अपनी वोट का verification भी कर सके । डाली हुई बोट auditable भी हो। वर्तमान प्रक्रिया में ईवीएम से डाली हुई वोट,

 

बोटर द्वारा न तो verifiable और न ही auditable है। चुनाव प्रक्रिया न केवल free and fair होनी चाहिए बल्कि देखने में भी free and fair लगनी चाहिए। वर्तमान चुनाव ईवीएम से free and fair नही सकते है। भारत में ईवीएम द्वारा चुनावी प्रक्रिया उपरोक्त लोकतान्त्रिक सि‌द्धांतो का पालन नहीं करती। इसलिए ईवीएम द्वारा चुनाव संदेह के घेरे में है।

 

चुनाव आयोग दावा करता है कि ईवीएम stand alone मशीन है, one time programable है और उसको tamper hack नही किया जा सकता ।

 

हमारा मानना है कि EVM मे VVPAT (voter verifiable paper audit trail) लगाने से EVM stand alone नही रही और one time programmable भी नही है। VVPAT को हर चुनाव में वोट डालने से पहले उम्मीदवार के नाम, सिरियल नंबर व चुनाव चिन्ह तय होने के बाद प्रोग्राम किया जाता है तब ही तो वह प्रत्याशी के नाम, चुनाव चिन्ह दर्शाती है । VVPAT एक अलग डिवाइस है जिसमे हार्डवेयर व सॉफ्टवेर है । ऐसा ज्ञात हुआ है की VVPAT को EVM से जोड़ने के लिए एक स्पेशल कनैक्टर इस्तेमाल किया जाता है जिसे SLU कहते है। यह SLU बहुत से सवाल खड़े करता है।

परिसंघ उपरोक्त बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुये हम मीडिया के माध्यम से चुनाव आयोग से और आदरणीय राष्ट्रपति जी से अनुरोध करते है कि EVM को चुनाव प्रक्रिया से हटाई जाए और चुनाव बेलेट पेपर हो। अगर हमारी मांग नहीं मानी गई तो इस मुद्दे पर एक बड़ा जन आंदोलन के लिए होना पड़ेगा। लोकतन्त्र को हर कीमत पर बचाना होगा।

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