Uncategorized

Mahakumbh : महाकुंभ आज से प्रारंभ, स्नान के पहले दिन 80 लाख का आंकड़ा पार

महाकुम्भ 2025 का पहला प्रमुख स्नान सोमवार को पौष पूर्णिमा पर होगा। महाकुम्भ में इस बार पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति का स्नान लगातार पड़ रहा है। सोमवार को पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ मेला क्षेत्र में कल्पवास शुरू हो जाएगा। वहीं मकर संक्रांति के अवसर पर पहला अमृत स्नान होगा। स्नान के लिए 10.5 किलोमीटर का घाट तैयार कर लिया गया है। अखाड़ों के संगम प्रवेश के लिए दो रास्ते दिए गए हैं।

 

कुल 6 शाही स्नान

महाकुम्भ के दौरान कुल छह स्नान होंगे, इनमें से तीन अमृत (शाही) स्नान होंगे। अखाड़े अमृत स्नान करते हैं। पहला अमृत स्नान मकर संक्रांति पर 14 जनवरी, दूसरा मौनी अमावस्या पर 29 जनवरी और तीसरा वसंत पंचमी पर तीन फरवरी को होगा

 

मकर संक्रांति पर एक घंटा 47 मिनट का पुण्यकाल

मंगलवार, 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। संक्रांति पर सुबह 9:03 से 10:50 बजे तक (1 घंटा 47 मिनट) का पुण्यकाल है। इस पर्व में कोई भद्रा नहीं है, इसलिए सुबह से शाम तक स्नान शुभ रहेगा।

 

13 -14 को होगी पुष्पवर्षा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बार पुष्प वर्षा का ऐलान किया है। ऐसे में पहले दोनों प्रमुख स्नान पर्वों पर पुष्प वर्षा की तैयारी पूरी कर ली गई है।

 

कुंभ मेला कब लगता है-

एक कथा तो कहती है कि इंद्र पुत्र जयंत को अमृत कलश लेकर स्वर्ग पहुंचने में 12 दिन लगे। देवताओं का एक दिन सांसारिक एक साल के बराबर हुआ करता है। इसलिए देवताओं के 12 दिन 12 साल के बराबर हुए। इसी मान्यता के आधार पर कुम्भ भी 12वें साल हुआ करते हैं। प्रयाग के साथ अन्य तीन स्थानों के कुम्भ भी 12 वें साल ही होते हैं। हां, क्रम कुछ इस तरह का है कि एक स्थान के कुम्भ से दूसरे के बीच का अंतर तीन साल का होता है। हरिद्वार में कुम्भ का आयोजन तब होता है जब सूर्य मेष में और गुरु बृहस्पति कुम्भ राशि में स्थित होते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button