राजनीति

दिल्ली में विशेष विधानसभा सत्र: सीएजी रिपोर्ट और शराब घोटाले पर होगी चर्चा

दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नवगठित सरकार ने सत्ता संभालते ही एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 24 फरवरी, 2025 से तीन दिवसीय विशेष विधानसभा सत्र बुलाने की घोषणा की है। यह सत्र 24, 25 और 27 फरवरी को आयोजित होगा, जबकि 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के अवकाश के कारण कोई बैठक नहीं होगी।

नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण और सीएजी रिपोर्ट

इस विशेष सत्र में सभी नवनिर्वाचित विधायक शपथ लेंगे। इसके अलावा, लंबे समय से लंबित 14 नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्टों को विधानसभा में पेश किया जाएगा। इन रिपोर्टों में पिछली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए कथित वित्तीय और प्रशासनिक घोटालों का विवरण होने की संभावना है। इनमें चर्चित शराब घोटाले का मुद्दा भी प्रमुख रूप से शामिल है, जिस पर भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान जोर दिया था।

 

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आयुष्मान भारत योजना की मंजूरी

शपथ ग्रहण समारोह के तुरंत बाद, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में पहली कैबिनेट बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में सीएजी रिपोर्टों पर चर्चा के अलावा, दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना लागू करने को मंजूरी दी गई। इस योजना के तहत प्रत्येक पात्र नागरिक को 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जाएगा। यह निर्णय सरकार की जनहितकारी नीतियों को दर्शाता है और दिल्ली के नागरिकों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है।

प्रधानमंत्री मोदी का बयान

भाजपा की बंपर जीत के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 फरवरी, 2025 को पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए इस विशेष सत्र के महत्व पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था,
“ये ‘आपदा’ लोग अपने घोटालों को छिपाने के लिए हर दिन नई साजिश रचते थे, लेकिन अब दिल्ली का जनादेश मिल गया है। मैं गारंटी देता हूं कि सीएजी रिपोर्ट पहले ही विधानसभा सत्र में पेश की जाएगी। भ्रष्टाचार के हर तार की जांच होगी और जिसने भी लूटा है, उसको लौटाना पड़ेगा।”

प्रधानमंत्री के इस बयान से साफ है कि नई सरकार पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

भाजपा की पूर्व मांग और न्यायिक हस्तक्षेप

भाजपा ने आप सरकार के कार्यकाल के दौरान कई बार इन सीएजी रिपोर्टों को विधानसभा में पेश करने की मांग की थी, लेकिन पूर्ववर्ती सरकार ने इसे टाल दिया था। इस मुद्दे पर भाजपा विधायकों ने दिल्ली हाईकोर्ट का भी रुख किया था, जहां अदालत ने आप सरकार को रिपोर्ट पेश करने में देरी करने पर फटकार लगाई थी। हालांकि, चुनावी प्रक्रिया शुरू होने के कारण रिपोर्टें सार्वजनिक नहीं हो सकीं।

अब भाजपा सरकार ने इन रिपोर्टों को तीन दिवसीय विशेष सत्र में पेश करने का निर्णय लिया है। यह सत्र दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है और पूर्ववर्ती सरकार की कथित अनियमितताओं को उजागर कर सकता है।

संभावित राजनीतिक और कानूनी प्रभाव

विशेष सत्र में शराब घोटाले और अन्य वित्तीय अनियमितताओं पर चर्चा होने से आम आदमी पार्टी के नेतृत्व के खिलाफ राजनीतिक और कानूनी कार्रवाई की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। यदि सीएजी रिपोर्ट में गंभीर अनियमितताओं की पुष्टि होती है, तो इससे आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लग सकता है।

नई सरकार के इस कदम से यह स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई और पारदर्शिता सुनिश्चित करना उसकी प्राथमिकता है। विशेष सत्र के नतीजे दिल्ली की राजनीति पर दूरगामी प्रभाव डाल सकते हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि सीएजी रिपोर्ट में क्या खुलासे होते हैं।

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