
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड के विकास के लिए ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में केदारनाथ रोपवे और हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इन दोनों परियोजनाओं के माध्यम से श्रद्धालुओं की यात्रा को अधिक सुगम, सुविधाजनक और समय-बचत करने वाला बनाया जाएगा।
मोदी कैबिनेट के 3 बड़े फैसले
पहला फैसला : मोदी सरकार ने केदारनाथ रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी दे दी। 12.9 किलोमीटर लंबे केदारनाथ रोपवे के निर्माण के लिए करीब 4,081 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
दूसरा फैसला: हेमकुंड साहिब में रोपवे प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली है। इसके लिए 2730 करोड़ रुपया खर्च किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट से हेमकुंड साहिब और वैली ऑफ फ्लावर तक की यात्रा शामिल है।
तीसरा फैसला: कैबिनेट में तीसरा फैसला किसानों को लेकर किया गया। पशुधन स्वास्थ्य और रोग रोकथाम के लिए सरकार 3880 करोड़ रुपया खर्च करेगी।
केदारनाथ से सोनप्रयाग तक बनेगा रोपवे
केदारनाथ रोपवे परियोजना सोनप्रयाग को केदारनाथ से जोड़ेगी। इसे डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण (डीबीएफओटी) मोड के तहत तैयार किया जाएगा। इस परियोजना को सार्वजनिक और निजी भागीदारी के माध्यम से क्रियान्वित किया जा रहा है। इसमें उन्नत ट्राई-केबल डिटैचेबल गोंडोला (3 एस) तकनीक शामिल होगी। इस प्रणाली को प्रति घंटे प्रति दिशा (पीपीएचपीडी) 1,800 यात्रियों की क्षमता के लिए डिजाइन किया गया है।
माना जा रहा है कि रोपवे से सोनप्रयाग और केदारनाथ के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा। इससे तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। मौजूदा समय में इस यात्रा में गौरीकुंड से 16 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई शामिल है। इसमें पैदल, पालकी या हेलीकॉप्टर का उपयोग करके करीब 8 से 9 घंटे लगते हैं। एक बार चालू होने के बाद रोपवे इस यात्रा के समय को घटाकर केवल 36 मिनट कर देगा।