बदरीनाथ धाम यात्रा 2025: श्रीमद देवी भागवत कथा यज्ञ का भव्य समापन, बुधवार को भंडारे का आयोजन।

चारधाम यात्रा के शुभारंभ से पूर्व जनकल्याण और मंगलकामना के लिए आयोजित श्रीमद देवी भागवत कथा यज्ञ का समापन मंगलवार को श्री नृसिंह मंदिर परिसर, ज्योर्तिमठ में पूरी विधि से सम्पन्न हो गया। यह पावन कार्यक्रम बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) द्वारा नवरात्रि के दौरान 30 मार्च से शुरू हुआ था।
अंतिम दिन जलयात्रा और गंगा पूजा के बाद कथा की पूर्णाहुति की गई। इस मौके पर बीकेटीसी के मुख्य अधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल की तरफ से प्रबंधक अजय सती, मुख्य यजमान के तौर पर मौजूद रहे।
कथा व्यास और बदरीनाथ धाम के धर्म अधिकारी आचार्य राधाकृष्ण थपलियाल ने मां दुर्गा की महिमा पर बताया कि मां जगदम्बा से ही दुनिया की शुरुआत हुई है और उनके नाम का जप करने से ही लोगों का भला हो जाता है। उन्होंने कहा कि मां दुर्गा की कृपा से मुश्किल काम भी आसान हो जाते हैं।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने जानकारी दी कि एक सप्ताह तक चले इस धार्मिक आयोजन में श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा के विविध स्वरूपों, सृष्टि की रचना, दानवों के संहार और भक्तों की रक्षा संबंधी कथाओं का श्रवण किया। प्रतिदिन संध्या आरती और भजन संध्या का आयोजन श्रद्धा और उत्साह के साथ किया गया।
7 अप्रैल को हुआ पूर्णाहुति यज्ञ, जिसमें बदरीनाथ धाम के वेदपाठी आचार्य रविंद्र भट्ट ने हवन कराया। वासुदेव मंदिर के पुजारी सुशील डिमरी और उर्गम से पुजारी सुशील डिमरी ने पूजा की। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु और मंदिर समिति के अधिकारी भी मौजूद थे।
मंगलवार को सुबह जलयात्रा के लिए सभी श्रद्धालु नृसिंह मंदिर से विष्णुप्रयाग संगम पहुंचे, जहां उन्होंने स्नान किया और मां गंगा व देवी-देवताओं की पूजा की। इसके बाद दोपहर में सभी लोग नृसिंह मंदिर लौटे और श्रीमद देवी भागवत कथा यज्ञ का समापन हुआ।
कथा के अंत में श्रीमद देवी भागवत पुराण को श्री दुर्गा मंदिर, ज्योर्तिमठ में पूरी विधि से स्थापित कर दिया गया। वहीं, बुधवार को भंडारे का आयोजन होगा जिसमें सभी भक्तों को प्रसाद दिया जाएगा।
समापन के मौके पर मुख्य प्रशासनिक अधिकारी गिरीश चौहान, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, वरिष्ठ अधिकारी विजेंद्र बिष्ट, लेखाकार भूपेंद्र रावत, नृसिंह मंदिर के प्रभारी संदीप कपरवाण, पुजारी हनुमान प्रसाद डिमरी, अनसुया नौटियाल और बहुत से श्रद्धालु मौजूद रहे।