उत्तराखंडरुद्रप्रयाग

चारधाम यात्रा 2025 की तैयारियां जोरों पर, त्रियुगीनारायण को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की दिशा में मंदिर समिति सक्रिय

रुद्रप्रयाग — उत्तराखंड की प्रतिष्ठित चारधाम यात्रा 2025 को लेकर तैयारियां ज़ोरों पर हैं। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने यात्रा मार्गों, मंदिर परिसरों, विश्राम गृहों, और संस्कृत महाविद्यालय सहित विभिन्न स्थलों का व्यापक निरीक्षण किया और अधिकारियों को समय रहते सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए।

 

कपाट खुलने की तिथियां घोषित, व्यवस्थाओं की समीक्षा तेज

चारधाम यात्रा के तहत इस वर्ष श्री केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को तथा बदरीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खोले जाएंगे। द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर मंदिर के कपाट 21 मई को और तृतीय केदार श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट 2 मई को खोले जाएंगे। इसी क्रम में बैसाखी के अवसर पर श्री ओंकारेश्वर मंदिर (उखीमठ) में श्री मद्महेश्वर मंदिर के कपाट खुलने की तिथि निर्धारण समारोह में मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल शामिल हुए, जहां केदारसभा द्वारा उनका स्वागत किया गया।

समारोह के दौरान मुख्य कार्याधिकारी ने तीर्थ पुरोहितों से समन्वय बनाकर कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही उन्होंने कर्मचारियों के साथ बैठक कर यात्रा पूर्व तैयारियों की समीक्षा की और कहा कि इस धार्मिक यात्रा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ विजन और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में एक आदर्श अनुभव बनाया जाएगा।

 

त्रियुगीनारायण में वेडिंग डेस्टिनेशन प्रोजेक्ट की प्रगति पर नजर

राज्य सरकार के निर्देशानुसार त्रियुगीनारायण मंदिर क्षेत्र को ‘वेडिंग डेस्टिनेशन’ के रूप में विकसित किया जा रहा है। मंदिर समिति इस दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। मुख्य कार्याधिकारी ने यहां चल रहे कार्यों की DPR (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) की प्रगति की समीक्षा की और स्थल का निरीक्षण किया। माना जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट के पूर्ण होने के बाद यह क्षेत्र न केवल धार्मिक महत्व बनाए रखेगा बल्कि पर्यटन के एक नए रूप को भी बढ़ावा देगा।

 

मंगलवार को मुख्य कार्याधिकारी ने मां बाराही मंदिर (संसारी), मस्ता नारायण कोटि, त्रियुगीनारायण मंदिर, गौरा देवी मंदिर (गौरीकुंड), सोनप्रयाग स्थित मंदिर समिति विश्राम गृह और गुप्तकाशी के शोणितपुर में स्थित संस्कृत महाविद्यालय का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने मंदिर समिति की परिसंपत्तियों का अवलोकन किया और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि यात्रा से पहले सभी आवश्यक मरम्मत, सौंदर्यीकरण और बुनियादी सुविधाओं को पूरा किया जाए। मस्ता नारायण कोटि में मंदिर समिति की रिक्त भूमि का भी निरीक्षण किया गया। मुख्य कार्याधिकारी ने इस भूमि के प्रभावी उपयोग के लिए योजनाएं तैयार करने को कहा।

 

गौरीकुंड और सोनप्रयाग में यात्री सुविधाओं का मूल्यांकन

गौरीकुंड में स्थित तप्तकुंड, मां गौरा देवी मंदिर और पुराने विश्राम गृहों का निरीक्षण करते हुए मुख्य कार्याधिकारी ने यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसके बाद सोनप्रयाग स्थित यात्री विश्राम गृह का भी निरीक्षण किया गया।

 

संस्कृत महाविद्यालय में छात्र सुविधाओं की समीक्षा

दिन के अंत में मुख्य कार्याधिकारी ने गुप्तकाशी के शोणितपुर-लंबगौड़ी स्थित संस्कृत महाविद्यालय का निरीक्षण किया। यहां उन्होंने छात्रावास, कक्षाएं, पुस्तकालय, खेल मैदान, पेयजल, और स्वच्छता से जुड़ी व्यवस्थाओं की समीक्षा की। प्रधानाचार्य नित्यानंद पोखरियाल सहित अन्य कर्मचारियों और स्थानीय प्रबंधकों ने संस्थान से जुड़ी जानकारियां और आवश्यकताओं को उनके समक्ष रखा।

 

निरीक्षण दल में शामिल अधिकारी

इस निरीक्षण दौरे में बीकेटीसी के सहायक अभियंता गिरीश देवली,  प्रशासनिक अधिकारी डीएस भुजवाण, संपत्ति निरीक्षक मनीष तिवारी, कनिष्ठ अभियंता विपिन कुमार, प्रबंधक अजय शर्मा (त्रियुगीनारायण), कैलाश बगवाड़ी (गौरीकुंड), माहेश्वर शैव (सोनप्रयाग), और संपत्ति लिपिक मनीष तिवारी सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।

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