पहलगाम आतंकी हमला: धर्म पूछकर पर्यटकों की हत्या, भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से दिया करारा जवाब

नई दिल्ली : 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हमले में आतंकियों ने पर्यटकों से उनका धर्म पूछकर उन्हें निशाना बनाया, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई और 20 से अधिक घायल हो गए। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के छद्म संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी, हालांकि बाद में इससे मुकर गया।
हमले की भयावहता
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंकियों ने पर्यटकों से उनका नाम और धर्म पूछा और विशेष रूप से हिंदू पुरुषों को निशाना बनाया। महिलाओं को छोड़ते हुए आतंकियों ने कहा, “जाकर प्रधानमंत्री मोदी को बता देना…” हमलावरों ने सिर पर GoPro कैमरे लगाए हुए थे और हमले के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहे थे।
भारत की जवाबी कार्रवाई: ‘ऑपरेशन सिंदूर’
हमले के 15 दिन बाद, भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए। इनमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा मुरीदके शामिल हैं। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने संयुक्त रूप से भाग लिया।
भारत सरकार ने स्पष्ट किया कि इन हमलों का उद्देश्य केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था और किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने पर हमला नहीं किया गया। इस कार्रवाई में लोइटरिंग म्यूनिशंस (कामिकाजे ड्रोन्स) और अन्य सटीक हथियारों का इस्तेमाल किया गया।
पीड़ित परिवारों की प्रतिक्रिया
हमले में मारे गए संतोष जगदाले की बेटी असावरी जगदाले ने कहा, “ऑपरेशन का नाम सुनकर मैं खूब रोई। यह आतंकी हमले में मारे गए लोगों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि और न्याय है।” इसी तरह, कानपुर के शुभम द्विवेदी की पत्नी ने कहा, “मैं अपने पति की मौत का बदला लेने के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद देना चाहती हूं।”
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमले की निंदा करते हुए इसे “शर्मनाक” करार दिया और उम्मीद जताई कि यह संघर्ष जल्द समाप्त होगा। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है। भारत की कड़ी प्रतिक्रिया ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है।