विदेश

स्पाइडर वेब ऑपरेशन: यूक्रेन का रूस के भीतर घातक हमला, 40 से अधिक विमान तबाह, सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा

कीव/मॉस्को – यूक्रेन ने रूस की सीमा के हजारों किलोमीटर अंदर घुसकर ऑपरेशन स्पाइडर वेब के तहत एक अभूतपूर्व ड्रोन हमला किया है, जिसमें रूसी वायुसेना के 40 से अधिक आधुनिक विमान तबाह हो गए हैं। सैटेलाइट इमेज से यह स्पष्ट हुआ है कि रूस ने इन हमलों से बचाव की पूरी कोशिश की थी, लेकिन यूक्रेनी हमलों की सटीकता के आगे उसकी रणनीतियां बेअसर साबित हुईं।

 यूक्रेन का निशाना बने रूस के ये पांच एयरबेस:

  1. बेलाया एयरबेस (इरकुत्स्क, साइबेरिया) – यूक्रेन सीमा से लगभग 4500 किमी दूर
  2. ओलेन्या एयरबेस (मुर्मांस्क, आर्कटिक) – 2000 किमी दूर
  3. इवानोवो सेवेरनी एयरबेस – 800 किमी भीतर
  4. देगीलेवो एयरबेस (रेजान क्षेत्र) – 520 किमी भीतर
  5. यूक्रेन्का एयरबेस (पूर्वी रूस) – 8000 किमी भीतर

 कैसे हुए हमले और क्या था रूस का बचाव?

मैक्सर टेक्नोलॉजी द्वारा जारी की गई सैटेलाइट तस्वीरों में हमले से पहले और बाद की स्थिति सामने आई है। रूस ने हमले से बचाव के लिए एयरबेस पर खड़े विमानों को टायरों से ढक दिया था और हैंगर की छतों पर विमान जैसे चित्र बना दिए थे ताकि ड्रोन या सैटेलाइट से चकमा दिया जा सके। लेकिन यूक्रेनी ड्रोन इतने सटीक और उन्नत थे कि उन्होंने इन उपायों को नाकाम कर दिया।

 किन रूसी विमानों को बनाया गया निशाना?

  • टीयू-22 बॉम्बर (ओलेन्या एयरबेस) – दुश्मन के विमान नष्ट करने में प्रयोग
  • टीयू-95 (यूक्रेन्का एयरबेस) – परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम, इंटरकॉन्टिनेंटल बॉम्बर
  • ए-50 AWACS (सेवेरनी एयरबेस) – रूसी वायुसेना की रडार क्षमता का अहम हिस्सा
  • IL-78 टैंकर (देगीलेवो एयरबेस) – फाइटर जेट्स को ईंधन भरने वाला विमान

ओलेन्या एयरबेस पर हुए हमले के बाद धुएं का घना गुबार देखा गया, जिससे तबाही की भयावहता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

 यूक्रेन की मारक रणनीति और रूस की कमजोर कड़ी

यूक्रेन के इस रणनीतिक हमले ने न सिर्फ रूसी सैन्य प्रतिष्ठान को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि उसकी वायु सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। यह हमला दर्शाता है कि यूक्रेन की ड्रोन तकनीक अब पारंपरिक युद्ध की सीमाओं को पार कर चुकी है और रूस जैसे सैन्य महाशक्ति के लिए भी एक नई चुनौती बन गई है।

ऑपरेशन स्पाइडर वेब ने रूस को सामरिक, मनोवैज्ञानिक और सैन्य दृष्टि से एक बड़ा झटका दिया है। अब रूस की प्रतिक्रिया पर दुनिया की नजरें टिकी हैं।

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