अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ: भारी सुरक्षा के बीच हजारों श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन को रवाना

जम्मू: जम्मू-कश्मीर में पवित्र अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ हो गया है। पहलगाम बेस कैंप से श्रद्धालुओं का पहला जत्था बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए रवाना हुआ है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने विधिवत पूजन-अर्चन के बाद शंख ध्वनि और हर-हर महादेव के उद्घोष के बीच झंडी दिखाकर इस पवित्र यात्रा को हरी झंडी दी है।
पहलगाम और बालटाल से रवाना हुए हजारों यात्री
पहलगाम स्थित यात्री निवास से पहले जत्थे में 5,469 यात्रियों को रवाना किया गया, जबकि परेड से 423 साधु-संत भेजे गए। देर शाम तक श्रद्धालुओं के जत्थे बालटाल और पहलगाम पहुंच गए हैं। पहलगाम और बालटाल मार्ग से रवाना होने वाले श्रद्धालु बृहस्पतिवार को बाबा बर्फानी के दर्शन करेंगे।
दोनों पारंपरिक रूट से रोजाना 10-10 हजार यात्रियों को पवित्र गुफा के लिए भेजा जाएगा। कठुआ, सांबा, उधमपुर और श्रीनगर के पंथा चौक पर भी जबर्दस्त उत्साह और उमंग के साथ श्रद्धालुओं ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद पहली यात्रा
यह यात्रा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली अमरनाथ यात्रा है। इसके बावजूद, भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता है। श्रद्धालु पवित्र गुफा के लिए प्रस्थान कर चुके हैं और उनके चेहरों पर बाबा बर्फानी के दर्शन की अपार खुशी दिखाई दे रही है।
उपराज्यपाल का संदेश: आस्था आतंक से अप्रभावित
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस अवसर पर कहा कि यह पवित्र तीर्थयात्रा आस्था और आत्मखोज की यात्रा है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं को आरामदायक यात्रा और गहन आत्मिक अनुभव की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रशासन, जम्मू-कश्मीर के लोग, श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों ने तीर्थयात्रियों के लिए व्यापक व्यवस्था की है।
उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू शहर एक नई ऊर्जा के साथ जीवंत हो उठा है। तीर्थयात्रियों में उत्साह बहुत है और आतंकवादी घटनाओं से अप्रभावित भोले बाबा के भक्त भारी संख्या में आ रहे हैं। वे अपनी अपार आस्था का प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस साल की यात्रा पिछले वर्षों की तुलना में और भी ऐतिहासिक होगी।
सुरक्षा व्यवस्था और तैयारियां
भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आयोजित हो रही इस यात्रा में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। यात्रा मार्ग पर चिकित्सा सुविधाएं, भोजन व्यवस्था और आराम की सुविधाएं उपलब्ध हैं।
यह यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भी दिखाती है कि आतंकवाद के सामने श्रद्धालुओं की आस्था कैसे अडिग रहती है। हजारों श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए हिमालय की कठिन चोटियों को पार करने के लिए तैयार हैं।