उत्तराखंड में साल का दूसरा चंद्रग्रहण कल (रविवार) लगने जा रहा है
इस दौरान धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मंदिरों के कपाट रहेंगे बंद

उत्तराखंड में लगने जा रहा इस साल का दूसरा चन्द्रग्रहणद ज्योतिषाचार्यों के अनुसार चंद्रग्रहण का सूतक काल रविवार दोपहर 12:57 बजे से शुरू होकर ग्रहण समाप्ति तक प्रभावी रहेगा। इस बीच किसी भी प्रकार के पूजा-पाठ, हवन या देवी-देवताओं की मूर्तियों को स्पर्श करने से परहेज़ करने की सलाह दी गई है।
ध्यान देने वाली बात यह भी है कि इसी दिन से श्राद्ध पक्ष की भी शुरुआत होगी। पितरों की शांति और आशीर्वाद के लिए श्राद्ध कर्म का विशेष महत्व माना जाता है।
धर्मगुरुओं का कहना है कि ग्रहण काल में साधारणत: भोजन बनाना और ग्रहण लगने से पहले बने भोजन को खाना भी वर्जित माना गया है। ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करके शुद्धि की जाती है और फिर पूजा-पाठ व अन्य धार्मिक कार्य किए जाते हैं।
उत्तराखंड सहित पूरे देश में रविवार, 7 अगस्त को साल का दूसरा और पूर्ण चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह ग्रहण रात 9:57 बजे शुरू होकर 1:26 बजे तक रहेगा और भारत में भी पूर्ण रूप से दिखाई देगा।
चंद्रग्रहण के चलते सूतक काल रविवार दोपहर 12:57 बजे से शुरू हो जाएगा, जो ग्रहण समाप्ति तक प्रभावी रहेगा। विद्वानों के अनुसार चंद्रग्रहण से नौ घंटे पूर्व ही सूतक काल लग जाता है। इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे और पूजा-पाठ व देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को स्पर्श करना वर्जित माना गया है।
इसी दिन से कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर श्राद्ध पक्ष की भी शुरुआत होगी। पितरों की शांति के लिए लोग तर्पण, पिंडदान, दान और श्राद्ध कर्म करेंगे। आचार्य डॉ. सुशांत राज का कहना है कि चंद्रग्रहण का यह अवसर धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है और इसका पालन विधिवत किया जाना चाहिए।
ग्रहण समाप्ति के बाद परंपरा के अनुसार स्नान कर शुद्धि की जाएगी और फिर धार्मिक कार्य संपन्न होंगे।