उत्तराखंड

तीन साल से संघर्ष कर रहे बेघर लोगों को आज मिला न्याय

देहारादून: पिछले 23 दिनों से शहीद स्थल झूला घर पर धरना प्रदर्शन कर रहे सीफन कोर्ट से बेघर लोगों का आज उप जिला अधिकारी के आश्वासन के बाद धरना समाप्त हो गया।  पुरकुल मसूरी रोपवे योजना के अंतर्गत शिवम कोर्ट से 84 परिवारों को बेघर कर दिया गया था जिसके बाद उनका धरना प्रदर्शन लगातार जारी था। आज उप जिलाधिकारी कार्यालय में एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें सभी प्रदर्शनकारियों के साथ ही नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को भी बुलाया गया था ।

उप जिलाधिकारी नंदन कुमार ने अवगत कराया कि हंस फाउंडेशन द्वारा आईडीएच बिल्डिंग के समीप  भवनों का निर्माण किया जाएगा जिसमें नगर पालिका द्वारा भूमि को हस्तांतरित किया जाना है।  उन्होंने बताया कि आईआईटी रुड़की के इंजीनियरों द्वारा सर टेस्टिंग कर भवन निर्माण करने की स्वीकृति दे दी गई है साथ ही वहां पर 70 भवनों का निर्माण किया जाना है और शिफन कोर्ट से बेघर लोगों को वहां विस्थापित किया जाएगा।

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के प्रतिनिधि के रूप में मौजूद मोहन पेटवाल ने सभी को आश्वासन दिया।  मंत्री द्वारा अथक प्रयासों के बाद हंस फाउंडेशन द्वारा भवनों का निर्माण किया जाना है। उन्होंने कहा कि 2008 में तत्कालीन पालिका अध्यक्ष द्वारा प्रस्ताव पारित कर भूमि को पर्यटन विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया था जिसके बाद से यह स्थिति उत्पन्न हुई है।

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वही शिफन कोर्ट संघर्ष समिति के संयोजक प्रदीप भंडारी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि 3 साल से संघर्ष कर रहे बेघर लोगों को आज न्याय मिला है। उन्होंने उम्मीद जताई कि शीघ्र ही उन्हें भवन उपलब्ध करवा दिए जाएंगे उन्होंने कहा कि आज से उनका धरना प्रदर्शन 3 तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया गया है, उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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