उत्तराखंडस्वास्थ्य

उत्तराखंड में एक बार फिर कोरोना के बढ़ते मामले

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच कोविड जांच, निगरानी बढ़ाने के साथ ही अस्पतालों में संक्रमित मरीज के उपचार के लिए पर्याप्त इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही आरटी-पीसीआर जांच में कोरोना पाजिटिव पाए गए सभी रोगियों के सैंपल की जिनोम सिक्वेंसिंग भी अनिवार्य रूप से करानी होगी।

स्वास्थ्य महानिदेशालय ने इस संबंध में जिलों को एडवाइजरी जारी की है। स्वास्थ्य महानिदेशक डा. विनीता शाह के अनुसार, देश के कई राज्यों में कोरोना के मामले बढ़े हैं। हालांकि, वृहद कोविड-19 टीकाकरण कवरेज के कारण चिकित्सालय में भर्ती होने व मृत्यु दर कम है, लेकिन कोरोना संक्रमण के पुन: महामारी का रूप लेने से रोकने के लिए समय से एहतियाती कदम उठाने जरूरी हैं।

सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को कोविड-19, सीजनल इन्फ्लूएंजा व अन्य श्वसन संबंधी रोगों से बचाव व नियंत्रण को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। चिकित्सालय स्तर पर इन्फ्लूएंजा के मामलों की सघन निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। कहा गया है कि संदिग्ध रोगियों के पर्याप्त सैंपल इन्फ्लूएंजा व कोविड-19 जांच के लिए भेजे जाएं।

वहीं, सभी रोगियों का विवरण अनिवार्य रूप से आइडीएसपी के अंतर्गत इंटिग्रेटेड हेल्थ इन्फोर्मेशन प्लेटफार्म पर डालने को भी कहा गया है। इसके अलावा जांच बढ़ाने, अधिकांश सैंपल की आरटी-पीसीआर जांच, क्लस्टर केस मिलने पर त्वारित जांच व निरोधात्मक कार्रवाई और चिकित्सा इकाइयों में पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन सिलिंडर, आक्सीजन कंसंट्रेटर, आक्सीजन बेड, वेंटिलेटर, आइसीयू बेड व आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

वहीं, चिकित्सा इकाइयों में स्थापित आक्सीजन जनरेशन प्लांट की क्रियाशीलता सुनिश्चित करने व कर्मियों के कोविड-प्रबंधन का निरंतर प्रशिक्षण को भी कहा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 व इन्फ्लूएंजा के प्रसार के तरीके, उच्च जोखिम वाली आबादी व लक्षणों में कई समानताएं हैं। इन दोनों ही बीमारियों को सामान्य सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के पालन से रोक सकते हैं।

कोमोर्बिड व बुजुर्गों को भीड़भाड़ वाले स्थान पर जाने से बचना चाहिए

चिकित्सालय में डाक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही मरीज व उनके स्वजन भी मास्क पहनें

भीड़भाड़ वाले और बंद स्थान पर मास्क जरूर लगाएं

छींकते व खांसते समय नाक व मुंह को रुमाल या टिश्यू से ढक लें।

सार्वजनिक स्थान पर थूकने से परहेज करें।

लक्षण होने पर तुरंत ही जांच करवाएं ।

सांस की बीमारी होने पर व्यक्तिगत संपर्क सीमित रखें।

 

 

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