उत्तराखंडदेहरादून

गढ़–कुमाऊँ की लोक सांस्कृतिक धरोहर की झलक अब कुठालगेट पर

पर्यटकों और यात्रियों को मिलेगी राज्य की संस्कृति और लोक परंपरा की पहचान

देहरादून, 11 दिसंबर 2025: मुख्यमंत्री की प्रेरणा पर दून शहर के महत्वपूर्ण चौराहों को सिर्फ यातायात मार्ग नहीं, बल्कि भव्य, सुरक्षित और सांस्कृतिक शो-केस के रूप में विकसित किया जा रहा है। जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देशन में जिला प्रशासन ने कुठालगेट और साईं मंदिर तिराहे को नए स्वरूप में तैयार किया है। इन परियोजनाओं के लिए स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा वित्त पोषण किया गया। कुठालगेट पर 135 लाख रुपये और साईं मंदिर तिराहे पर 85 लाख रुपये की लागत से कार्य पूरे किए गए।

यातायात सुगमता, जनसुरक्षा और लोक संस्कृति—पहली बार एक साथ

छह महीनों में दोनों चौराहों पर 10 मीटर चौड़ी मोटरेबल स्लिप रोड, राउंडअबाउट, आधुनिक लाइटिंग, पहाड़ी शैली की थीम, ट्रैफिक सेफ्टी डिज़ाइन और उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत दर्शाती कलाकृतियाँ स्थापित की गईं।
इनसे दून में यातायात बेहतर होगा, दुर्घटना जोखिम कम होगा तथा पर्यटक पहाड़ी संस्कृति से सीधे जुड़ सकेंगे।

राज्य की संस्कृति, धरोहर और राज्य आंदोलन की झलक

गढ़वाल–कुमाऊँ की पारंपरिक शैली, महान लोक विभूतियों, धार्मिक प्रतीकों और राज्य आंदोलन के संघर्ष को दर्शाती संरचनाएँ चौराहों पर स्थापित की गई हैं। यह देहरादून को एक लिविंग कल्चरल कॉरिडोर का रूप दे रहा है और पर्यटकों के लिए संस्कृति का प्रमुख आकर्षण बनेगा।

चार प्रमुख चौराहों का रूपांतरण—प्रथम चरण पूर्ण

पहले चरण में शहर के चार प्रमुख चौराहों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। कुठालगेट और साईं मंदिर तिराहे के बाद दिलाराम चौक का कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है। यहाँ पौराणिक, सांस्कृतिक और धार्मिक स्थल मॉडल स्थापित किए जा रहे हैं जिनका लोकार्पण जल्द होगा।

अधिक सुंदर, सुरक्षित और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध होगा दून

जिला प्रशासन के प्रयासों से शहर को सुरक्षित यातायात, पारंपरिक सौंदर्य, सांस्कृतिक पहचान और पर्यटक-अनुकूल वातावरण एक साथ मिला है। यह पहल दून को एक आधुनिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राजधानी के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

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