उत्तराखंड में सहकारिता के विस्तार को लेकर दो दिवसीय मंथन कार्यक्रम का आयोजन
8 और 9 जुलाई को राज्यभर के अधिकारी लेंगे भाग, सहकारी संस्थाओं को मजबूत बनाने पर होगा फोकस

देहरादून: राज्य में सहकारिता क्षेत्र को मजबूती देने और राष्ट्रीय लक्ष्यों को धरातल पर उतारने के उद्देश्य से आगामी 8 और 9 जुलाई को दो दिवसीय राज्य स्तरीय मंथन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस विशेष बैठक में जनपद स्तर से लेकर राज्य स्तर तक के सहकारिता विभाग के सभी अधिकारी भाग लेंगे।
इस संबंध में आज सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अपने शासकीय आवास पर विभागीय समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने सहकारिता के क्षेत्र में व्यापक विस्तार और सुधार के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया और मंथन कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की।
डॉ. रावत ने कहा कि सहकारिता को राज्य की विकास यात्रा का मुख्य आधार बनाया जाएगा। मंथन कार्यक्रम में प्रदेश में स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने, गांवों का सर्वांगीण विकास करने, ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने और सहकारी संस्थाओं को और अधिक सुविधाजनक बनाने की रणनीति तैयार की जाएगी।
उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में दिल्ली में केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय द्वारा आयोजित मंथन बैठक में जो लक्ष्य तय किए गए हैं, उनके क्रियान्वयन हेतु राज्य स्तरीय योजना बनाई जाएगी। ‘वाइब्रेंट विलेज योजना’ को सहकारी प्रणाली से जोड़ने, त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना, तथा सहकारी बैंकों और एमपैक्सों को सुदृढ़ करने जैसे विषय इस बैठक के प्रमुख एजेंडा होंगे।
इस मंथन में सभी सहायक निबंधक, उप निबंधक, जिला और राज्य सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशक, महाप्रबंधक व सहकारी समितियों के सचिव अनिवार्य रूप से भाग लेंगे।बैठक में सचिव सहकारिता बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, निबंधक सहकारिता मेहरबान सिंह बिष्ट सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
“सहकारिता के विस्तार के लिए केंद्र सरकार के एजेंडे को लागू करते हुए, राज्य में ठोस रणनीति के साथ सहकारी संस्थाओं को सुदृढ़ और सुविधाजनक बनाया जाएगा।” – डॉ. धन सिंह रावत, सहकारिता मंत्री, उत्तराखंड