
पिथौरागढ़: कल उत्तराखंड में श्रद्धालुओं के लिए एक ऐतिहासिक दिन था, क्योंकि जहां एक ओर केदारनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए, वहीं दूसरी ओर आदि कैलाश के भी कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए। आदि कैलाश यात्रा का महत्व और धार्मिक दृष्टि से यह क्षण बहुत विशेष था।
आदि कैलाश मंदिर, जो पार्वती कुण्ड के निकट स्थित भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है, के कपाट आज दोपहर 12 बजे शुभ मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चारण और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ खोले गए। इस धार्मिक अवसर पर लगभग 150 स्थानीय लोग और 50 से अधिक तीर्थयात्री मंदिर में पूजा अर्चना के लिए पहुंचे।
आदि कैलाश यात्रा का महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि यहां से आप ओम पर्वत की पवित्र यात्रा भी कर सकते हैं, जो हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए विशेष धार्मिक स्थल है। यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि एक अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव भी देती है।आदि कैलाश मंदिर के कपाट खुलने से श्रद्धालुओं में खुशी और श्रद्धा का माहौल था। भक्तों ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ पूजा अर्चना की और भगवान शिव से आशीर्वाद लिया।
उत्तराखंड सरकार और स्थानीय प्रशासन ने इस धार्मिक आयोजन को सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से संपन्न कराने के लिए आवश्यक प्रबंध किए थे। श्रद्धालुओं का कहना था कि यह यात्रा उनके जीवन में एक विशेष अनुभव बनकर उभरी है।
ये भी पढ़ें…
चारधाम यात्रा 2025: अब तक 23.5 लाख श्रद्धालुओं ने कराया पंजीकरण, ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन में भी तेजी