
देहरादून: अमर उजाला फाउंडेशन की ओर से आयोजित कैंसर जागरूकता कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने कैंसर के प्रति लोगों में फैली गलतफहमियों को दूर करते हुए जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाओं और विभिन्न शिक्षण संस्थानों की छात्राओं ने भाग लिया। विशेषज्ञों ने स्तन और सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती लक्षण, रोकथाम और स्क्रीनिंग से जुड़ी जानकारी साझा की।
कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि समय पर जांच और सही जानकारी से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को मात दी जा सकती है। विशेषज्ञों ने कहा कि महिलाओं को 30 वर्ष की आयु के बाद नियमित रूप से सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग (पैप स्मीयर टेस्ट) और 40 वर्ष के बाद स्तन कैंसर की जांच (मैमोग्राफी) करानी चाहिए। उन्होंने समझाया कि प्रारंभिक अवस्था में कैंसर का पता चल जाए तो उसका उपचार पूरी तरह संभव है।
डॉक्टरों ने बताया कि जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव भी कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं। जैसे—संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, तंबाकू और शराब से दूरी, और मानसिक तनाव से बचाव। उन्होंने यह भी कहा कि कैंसर को लेकर समाज में अभी भी कई भ्रम हैं, जिन्हें दूर करने की जरूरत है।
कार्यक्रम में महिलाओं की नि:शुल्क स्क्रीनिंग भी की गई और उन्हें आत्म-परीक्षण (Self Examination) के तरीके सिखाए गए ताकि वे खुद शुरुआती लक्षणों को पहचान सकें। छात्राओं ने भी विशेषज्ञों से कई सवाल पूछे और महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर खुलकर बातचीत की।
कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग बनाना और कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाना था, ताकि समाज में समय रहते रोकथाम के उपाय अपनाए जा सकें।