एक बार फिर शर्मसार हुई दिल्ली, युवती से सामुहिक बलात्कार, तीनों आरोपी गिरफ्तार
दिल्ली
राजधानी में एक महिला के साथ गैंग रेप की ऐसी वारदात को अंजाम दिया गया, जिसने दिल्ली को दहला दिया. सराय काले खां इलाके में एक युवती के साथ पहले तीन अलग अलग लोगों ने बेरहमी से सामूहिक बलात्कार किया और फिर किसी बेजान सामान की तरह उस लड़की को मरने के लिए एक सड़क के किनारे फेंक दिया. लेकिन दिल्ली पुलिस ने 21 दिन की कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार इस मामले का खुलासा कर दिया और तीनों आरोपी पकड़े गए. जिनमें एक कबाड़ी, एक भिखारी और एक ऑटो चालक शामिल है. चलिए आपको बताते हैं इस खौफनाक वारदात की सिलसिलेवार कहानी.
वो 10 और 11 अक्टूबर 2024 की दरम्यानी रात थी. दिल्ली के सराय काले खां इलाके में अंधेरा और खामोशी थी. आमतौर पर चहल-पहल से भरा रहने वाला शहर अब शांत था. आधी रात के आसपास, सेंट्रल दिल्ली में एक छोटी सी दुकान चलाने वाले कबाड़ व्यापारी प्रमोद अपना सामान समेट रहा था. यह उसके लिए रोज का काम था. लेकिन उस रात उसने ज़्यादा शराब पी ली थी. उसके पैर भी लड़खड़ा रहे थे. वो खाली सड़क पर ठोकर खाकर गिरते गिरते बचा. वो अपने घर की तरफ जा रहा था. तभी उसकी नजर एक महिला पर पड़ी. वो अकेली महिला सड़क के किनारे कुछ ही दूरी पर बैठी थी.
लाल कुर्ता पहने वो महिला कुछ विचलित लग रही थी. प्रमोद ने उसे दूर से ध्यान से देखा और महसूस किया कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. उसे देखते ही उसके अंदर कुछ हलचल सी होने लगी और उसके जिस्म में खप चुकी शराब के नशे में उसने एक ऐसा फैसला लिया, जिसने उस रात को एक बुरे सपने में बदल दिया. प्रमोद उस महिला के पास पहुंचा, और फिर उसे बहला फुसला कर वहीं करीब में एक सुनसान जगह पर ले गया और उसके साथ दरिंदगी करने लगा. वो किसी गिद्ध की तरह उस महिला पर टूट पड़ा था.
तभी वहां एक और शख्स जा पहुंचा. वो शमशुल था, जो इलाके में जाना-पहचाना भिखारी था. वो हमेशा नशे में चूर रहने के लिए कुख्यात था. उस रात भी शमशुल बहुत नशे में था. उसके पैर कमज़ोर और विकलांग थे. लेकिन प्रमोद को उस महिला के साथ हवस का खेल करते देख वो मचल उठा और उस पल में वो प्रमोद के साथ शामिल हो गया. अब उन दोनों ने महिला की कमज़ोरी का फ़ायदा उठाया. उसे घसीटकर पास की एक सुनसान जगह पर ले गए. वहां, उन दोनों ने बारी-बारी से उसके साथ बलात्कार किया. उन दोनों ने उस महिला की परेशानी की कोई परवाह नहीं की और उसकी आबरू तार-तार करते रहे.
इस बीच रात ढलती जा रही थी, तभी प्रभु महतो नाम का एक ऑटो चालक अपने ऑटो रिक्शा में उस इलाके से गुज़र रहा था. वो भी होश में नहीं था; वह पूरी शाम शराब पीता रहा था. अचानक जब उसने सुनसान जगह पर एक महिला के साथ दो पुरुषों को देखा, तो जिज्ञासा वश या शायद किसी और वजह ने उसे वहां रुकने और देखने पर मजबूर कर दिया. उसने वहां जो देखा, उसे देखकर उसके घिनौने इरादे और बढ़ गए. और वो भी बेशर्मी से वहां जाकर प्रमोद और शमशुल के साथ वहशत के खेल में शामिल हो गया और उस महिला के जिस्म से खेलने लगा. तीनों ने उसके साथ गैंग रेप किया.
लेकिन प्रभु महतो यहीं नहीं रुका. उसने महिला को जबरदस्ती अपनी ऑटो में बैठा लिया. महिला पहले से ही सदमे में थी और कमज़ोर भी, उसमें विरोध करने की ताकत नहीं बची थी. प्रभु ने उसकी हालत का फ़ायदा उठाया और अंधेरे की आड़ में ऑटो को दूसरे सुनसान इलाके में ले गया. वहां उसने फिर से महिला पर हमला किया और उसके साथ रेप किया. इसके बाद प्रभु महतो ने ठंडे दिमाग से ऑटो को सराय काले खां की तरफ़ वापस मोड़ दिया और वहां उसने महिला को सड़क किनारे ऐसे फेंक दिया, जैसे वो कोई फेंके जाने वाली चीज़ हो और रात के अंधेरे में गुम हो गया.
रात के लगभग 3:15 बजे, जब शहर में सन्नाटा था, दिल्ली पुलिस कंट्रोल रूम में एक कॉल आई. कॉल करने वाला एक राहगीर था, जो उस इलाके से गुज़र रहा था. वो एक आर्मी अफसर था. उसने कॉल करके पुलिस बताया कि सड़क किनारे एक महिला गंभीर रूप से घायल अवस्था में पड़ी है, उसने लाल रंग का कुर्ता पहना हुआ है और उसके शरीर से बहुत ज़्यादा खून बह रहा है.
ये जानकारी मिलते ही पुलिस टीम मौके पर जा पहुंची और वहां लाल कुर्ते में महिला मौजूद थी. उसकी हालत देखकर कुछ साफ समझ में नहीं आ रहा था; लेकिन यह साफ था कि उसके साथ दरिंदगी और मारपीट की गई थी. उस वक्त वो महिला यह बताने की हालत में नहीं थी कि उसके साथ क्या हुआ था, लेकिन उसके कुछ टूटे-फूटे शब्दों से पुलिस ने अंदाजा लगाया कि उसके इस हाल के लिए कई लोग और एक ऑटो-रिक्शा वाला जिम्मेदार था. पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए पुलिस ने सनलाइट कॉलोनी थाने में सामूहिक बलात्कार का मामला दर्ज किया और मामले की जांच शुरू की.
यह मामला दक्षिण पूर्व जिला पुलिस के इलाके का है, जिसकी जांच का नेतृत्व डिप्टी पुलिस कमिश्नर रवि कुमार कर रहे थे, उन्होंने अपराधियों का पता लगाने के लिए दस विशेष टीमें बनाईं. शुरुआती जानकारी बहुत कम थी, लेकिन एक महत्वपूर्ण सुराग महिला से ही मिला. उसे कुछ धुंधला सा याद था कि उसके गुनहगार हमलावर तीन पुरुष थे, जिनमें से एक ऑटो चालक था. इस सीमित जानकारी के आधार पर पुलिस ने इलाके की गहन जांच शुरू की.
पहला कदम सराय काले खां से करीब 10 किलोमीटर के दायरे में रिंग रोड पर हर संभव सीसीटीवी कैमरे की जांच करना था. अगले कुछ दिनों में पुलिस ने 700 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली, ताकि संदिग्धों तक पहुंचने के लिए कोई सुराग मिल सके. अपनी जांच में उन्होंने लगभग 150 ऑटो-रिक्शा देखे जो महिला की बताई जानकारी से मेल खाते थे.
पुलिस टीम ने इन ऑटो चालकों में से हर एक को ट्रैक करने का कठिन काम किया. पुलिस अधिकारियों ने फुटेज में देखे गए प्रत्येक ऑटो चालक के घर का दौरा किया, पड़ोसियों से पूछताछ की और पृष्ठभूमि की जानकारी एकत्र की. दिन हफ्तों में बदल गए, लेकिन जांच अटूट समर्पण के साथ जारी रही. आखिरकार, अपराध के लगभग 21 दिन बाद, टुकड़े एक साथ आने लगे. पुलिस न केवल संबंधित ऑटो बल्कि उसके चालक प्रभु महतो की पहचान करने में भी कामयाब रही.
इस सफलता के बाद, पुलिस ने प्रभु महतो को पकड़ लिया और फिर अन्य दो आरोपियों- प्रमोद और शमशुल का पता लगा लिया. उनमें से हर एक को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया और पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया गया. पूछताछ के दौरान, तीनों ने अपने जुर्म को कबूल कर लिया. प्रमोद ने खुलासा किया कि कैसे उसने पहली बार महिला को अपनी दुकान के पास देखा था और नशे की हालत में उसने उसकी कमजोरी का फायदा उठाने का फैसला किया था.
शमशुल, जो कुछ ही देर बाद मौके पर पहुंचा, बिना किसी हिचकिचाहट के प्रमोद के साथ शामिल हो गया, वह भी शराब के नशे में था. दोनों पुरुषों ने महिला को एक सुनसान जगह पर घसीटने की बात स्वीकार की, जहां उन्होंने उसके साथ बलात्कार किया. जब प्रभु मौके पर आया, तो उसने महिला की मदद करने के बजाय, उसके साथ रेप किया और फिर उसे अपने ऑटो में एक और भी सुनसान जगह पर ले गया, जहां उसने फिर से उसके साथ मारपीट की और अंत में उसे सराय काले खां के करीब सड़क किनारे छोड़ दिया.
इस मामले ने पूरे दिल्ली शहर को हिलाकर रख दिया था, जिसने एक बार फिर महिलाओं के सामने मौजूद खतरे को उजागर किया. मूल रूप से ओडिशा की रहने वाली पीड़िता कुछ महीनों से दिल्ली में रह रही थी, अपने परिवार को बिना बताए वो दिल्ली आई थी. अपने दर्दनाक अनुभव के बावजूद, वह पुलिस को आरोपियों के हुलिए से जुड़ी जानकारी देने में कामयाब रही, जिस वजह से तीनों आरोपी एक एक कर पकड़े गए.
दिल्ली पुलिस ने न केवल तीनों दरिंदों को पकड़ा, बल्कि इस वारदात में इस्तेमाल किए गए ऑटो-रिक्शा को भी जब्त कर लिया. जिससे पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए अहम सबूत हासिल हुए हैं. जबकि तीनों आरोपियों के खिलाफ सामूहिक बलात्कार सहित गंभीर आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है. इस दौरान पीड़िता को जो सदमा पहुंचा है, उसका असर लंबे वक्त तक कायम रहेगा ।