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उत्तराखंड: धामी सरकार ने अन्नदाता तभी खुशहाल होगा, जब खेती-किसानी लाभकारी होगी इस बात को महसूस किया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में खेती-किसानी पर खास ध्यान केंद्रित किया है। बदली परिस्थितियों में पौष्टिकता से लबरेज मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ ही औद्यानिकी को किसानों की आर्थिकी का महत्वपूर्ण जरिया बनाने पर जोर दिया गया है।
बंजर भूमि में भी फसलें लहलहाएं, इसके लिए सगंध खेती को प्रोत्साहित करने को बजट में प्रविधान किए गए हैं। पर्वतीय क्षेत्र के दूरस्थ क्षेत्रों से सेब, माल्टा समेत अन्य औद्यानिक उत्पादों का सड़क तक पहुंचाने को लेकर किसानों की चिंता की गई है। इसके लिए सुदूरवर्ती क्षेत्रों के गांवों से उत्पादों को सड़क तक पहुंचाने के लिए रोपवे-ट्राली नेटवर्क भी स्थापित किया जाएगा, ताकि फल-सब्जी खराब न हो और किसानों को इनका समय पर उचित दाम मिल सके।
अन्न से खुलेंगे नई संभावनाओं के द्वार: केंद्र सरकार ने इस वर्ष को मिलेट इयर घोषित किया है। मिलेट यानी मोटे अनाजों के प्रोत्साहन के लिए केंद्रीय बजट में श्री अन्न का उल्लेख किया गया है। इस कड़ी में राज्य सरकार ने भी स्टेट मिलेट मिशन की शुरुआत की है, जिसके तहत श्री अन्न यानी मोटे अनाज को बढ़ावा देने की योजना है।
वैसे भी उत्तराखंड में उत्पादित पौष्टिकता से लबरेज मंडुवा, झंगोरा जैसे मोटे अनाजों की बड़ी मांग है, लेकिन इनका उत्पादन अभी कम है। अब स्टेट मिलेट मिशन से मोटे अनाजों को बढ़ावा मिलेगा और इस श्री अन्न से नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे। साथ ही मोटे अनाजों के िविपणन पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है।