
देहरादून, 09 सितंबर 2025: मुख्यमंत्री की प्रेरणा से जिलाधिकारी सविन बंसल जनपद में असहाय, अक्षम और निर्धन लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। गरीब और जरूरतमंदों को सरकारी योजनाओं के साथ-साथ जिला स्तर पर उपलब्ध संसाधनों से आर्थिक सहायता देकर उनकी विशेष जरूरतों को पूरा किया जा रहा है।

जिलाधिकारी के प्रयासों से सक्रिय राइफल क्लब फंड से मंगलवार को 06 असहाय, अक्षम और जरूरतमंद लोगों को 1.35 लाख रुपये की आर्थिक सहायता चेक प्रदान किए गए।
धर्मपुर निवासी मीनाक्षी रतूड़ी के पति की अकस्मात मृत्यु के बाद बच्चों की फीस जमा करने में समस्या आ गई थी। फीस जमा न होने पर स्कूल नाम काट रहा था। मामले के संज्ञान में आने पर मीनाक्षी को राइफल क्लब से 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गई।
इसी तरह, विजय कॉलोनी निवासी कैंसर पीड़ित शारदा देवी और आडीपीएल ऋषिकेश निवासी दीपा देवी को इलाज के लिए 25-25 हजार रुपये की सहायता दी गई। डालनवाला निवासी इजाजुद्दीन, जो आंखों की रोशनी खो चुके हैं, को बेटी की शादी के लिए 25 हजार की आर्थिक सहायता मिली। बडोवाला आरकेडिया ग्रांट निवासी दिव्यांग जितेन्द्र को बिजली का बकाया बिल चुकाने के लिए 25 हजार की सहायता दी गई। क्लेमनटाउन निवासी दिव्यांग अब्दुल रहमान को स्वरोजगार हेतु सिलाई मशीन खरीदने के लिए 10 हजार रुपये की सहायता प्रदान की गई।

अब तक राइफल क्लब फंड से जिले में 11.05 लाख रुपये की आर्थिक सहायता वितरित की जा चुकी है। इससे पूर्व इस फंड से झुग्गी बस्ती प्रेमनगर में बालवाड़ी मरम्मत के लिए 1.30 लाख रुपये, ग्राम फनार (तहसील त्यूनी) निवासी नीतू दुर्गादेवी को बिजली बिल भुगतान के लिए 18 हजार रुपये, अनाथ अदिति के पिता के बैंक ऋण के लिए 50 हजार रुपये, भगत सिंह कॉलोनी निवासी शमीमा को स्वरोजगार के लिए 30 हजार रुपये तथा सरस्वती शिशु मंदिर प्रबंधक समिति भोगपुर को बच्चों के परिवहन हेतु वाहन के लिए 5.73 लाख रुपये की सहायता दी गई।
जिलाधिकारी ने कहा कि हमारा उद्देश्य गरीब, असहाय और अक्षम लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है। हम उनकी समस्याओं का पूर्ण समाधान तो नहीं कर सकते, लेकिन आर्थिक सहयोग से काफी हद तक उनका बोझ कम किया जा सकता है।
गौरतलब है कि राइफल क्लब वर्ष 1959 से संचालित है। इसमें नए शस्त्र लाइसेंस, लाइसेंस नवीनीकरण, पंजीकरण, सीमा विस्तार, विक्रय अनुमति, श्रेणी परिवर्तन, समयावधि बढ़ाने आदि प्रक्रियाओं से होने वाली आय राइफल फंड में जमा की जाती है, जिसका उपयोग अब सामाजिक कार्यों और असहाय लोगों की मदद में किया जा रहा है।