उत्तराखंडक्राइम

हरिद्वार की नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म

हरिद्वार की नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म
सगे भाइयों ने मिलकर किया शर्मनाक काम
सोशल मीडिया के जरिए आए पकड़ में
हरिद्वार। मेरठ में सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हुई किशोरी के चारों गुनाहगारों को पुलिस ने फेसबुक को हथियार बनाकर गिरफ्तार तो कर लिया, लेकिन कहानी में कई ट्विस्ट हैं। पड़ताल में सामने आया है कि किशोरी को रोडवेज बस में मिली एक महिला ने अगर समझदारी दिखाई होती, तो शायद पीडि़ता को 18 दिन तक हैवानियत का शिकार न बनना पड़ता। पुलिस ने महिला से भी पूछताछ की है।ज्वालापुर की एक किशोरी पिछले महीने मां की डांट से नाराज होकर घर से निकल पड़ी। गुमशुदगी दर्ज होने के बाद पुलिस और स्वजन उसकी तलाश करते रहे, पर कुछ पता नहीं मिला। 20 दिन बाद किशोरी अचानक नाटकीय घटनाक्रम के तहत बस स्टैंड पर मिल गई। कुछ दिन तक वह खामोश रही, घर में बार-बार कुरेदने पर किशोरी ने जुबान खोली तो सबकी आंखें फटी रह गई। किशोरी ने बताया कि मेरठ में उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ है। किशोरी ने दो आरोपितों के नाम कादिर और इसरार बताए। नाम के अलावा बाकी कोई जानकारी न होने के कारण उन्हें ढूंढना रेत के ढेर में सूई खोजने जैसा था। एएसपी ज्वालापुर रेखा यादव के निर्देशन में ज्वालापुर कोतवाल महेश जोशी, एसओजी इंस्पेक्टर नरेंद्र बिष्ट, प्रभारी रणजीत तोमर, एसएसआइ नितेश शर्मा ने टीम के साथ मिलकर जुगत भिड़ाई और फेसबुक पर आरोपितों की खोजबीन शुरू की। दो आरोपितों को फोटो देखकर किशोरी ने पहचान लिया। इसके बाद लड़की के नाम से फेसबुक आइडी बनाकर चैङ्क्षटग करते हुए उनका मोबाइल नंबर ले लिया और आखिरकार आरोपित ज्वालापुर की पुलिस और एसओजी के जाल में फंस गए। किशोरी से पूछताछ में पता चला कि ज्वालापुर में रोडवेज बस में सवार होने पर एक महिला उसे मिली थी।वह अपने मायके में सहारनपुर के बेहट क्षेत्र में लोधीपुर गांव ले गई और अगले दिन किशोरी के कहने पर उसे मेरठ की बस में बैठा दिया। महिला अगर एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाते हुए पुलिस को सूचना दे देती तो शायद किशोरी मेरठ में गलत हाथों में जाने से बच जाती। बच्चियों व महिलाओं से हैवानियत होने के बाद अक्सर लोग कैंडल मार्च लेकर सड़क पर उतरते हैं, लेकिन समय रहते अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर लिया जाए तो दरिंदगी की घटनाओं को रोका जा सकता है। सगे भाइयों ने मिलकर किया शर्मनाक काम
किशोरी को अपनी हवस का शिकार बनाने वाले आरोपितों में दो कादिर और नदीम सगे भाई हैं। आरोपितों ने एक दूसरे की मौजूदगी में घिनौना कार्य किया। कोई शख्स अपने सगे भाई के सामने किसी के साथ दुष्कर्म कैसे कर सकता है। यह बात समझ से परे है। इससे आरोपितों की मानसिक स्थिति का भी पता चलता है।

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